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सोमवार, 10 नवंबर 2025

शिक्षक भर्ती (लेवल-2): सामान्य और विशेष शिक्षा बाहर, लाखों अभ्यर्थियों को झटका, बीएड और विशेष शिक्षा डिग्रीधारियों की उम्मीदें टूटी, भर्ती में पद नहीं

शिक्षक भर्ती (लेवल-2): सामान्य और विशेष शिक्षा बाहर, लाखों अभ्यर्थियों को झटका, बीएड और विशेष शिक्षा डिग्रीधारियों की उम्मीदें टूटी, भर्ती में पद नहीं

शिक्षक भर्ती (लेवल-2): सामान्य और विशेष शिक्षा बाहर, लाखों अभ्यर्थियों को झटका, बीएड और विशेष शिक्षा डिग्रीधारियों की उम्मीदें टूटी, भर्ती में पद नहीं 


जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से शिक्षक भर्ती लेवल-1 और लेवल-2 की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इस भर्ती से लाखों अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है। लेवल-2 में सामान्य शिक्षा और विशेष शिक्षा के पद शामिल नहीं किए गए हैं।इससे करीब पांच लाख बीएड डिग्रीधारी और रीट पास अभ्यर्थी तथा लगभग 80 हजार विशेष शिक्षा डिग्रीधारी आवेदन से वंचित हो गए हैं। लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर रहे इन अभ्यर्थियों की तैयारी अब धरी रह गई है।


भर्ती में पदों की स्थिति

  • लेवल-1 5636 पद
  • सामान्य शिक्षा 5000
  • संस्कृत शिक्षा 636
  • लेवल-2 2123 पद


केवल संस्कृत शिक्षा

  • सामान्य शिक्षा 0 पद
  • विशेष शिक्षा 0 पद
  • पदोन्नति विवाद
  • 5 वर्षों से लंबित तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति
  • करीब 30 हजार पद रिक्त हो सकते थे
  • सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं


बेरोजगारों को पदों का लाभ नहीं मिला

बीएड डिग्रीधारी बेरोजगार बरसों से तैयारी कर भर्ती का इंतजार कर रहे थे। पद नहीं देने से युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सरकार को लेवल-2 में सामान्य शिक्षा के पदों को शामिल करना चाहिए।-ईरा बोस, प्रदेशाध्यक्ष, युवा हल्ला बोल


शिक्षकों और संगठनों की प्रतिक्रिया

भर्ती निकलने से पहले सरकार यदि पदोन्नति मामले में काम करती तो 30 हजार पद रिक्त हो जाते। बीएड धारक बेरोजगारों को इसका लाभ मिलता। यह अब तक की सबसे कम पदों की भर्ती है।-विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, राज. प्रा. एवं मा. शिक्षक संघ


पदोन्नति लंबित, बेरोजगारों को नुकसान

शिक्षा विभाग में पिछले पांच वर्षों से तृतीय श्रेणी अध्यापकों की पदोन्नति लंबित है। सामान्यत: पांच वर्ष में तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति होती है, जिससे करीब 30 हजार पद रिक्त हो जाते। इन पदों का लाभ बेरोजगारों को मिलता। शिक्षकों का कहना है कि राजस्थान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं की। 24 सितंबर 2025 को दिए गए आदेश के तहत सरकार को अतिरिक्त विषयों पर जवाब प्रस्तुत करना था, लेकिन छह सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया। पदोन्नति मामले को ठंडे बस्ते में डालने से भर्ती में पद नहीं बढ़ पाए।

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