एसआईआर: चुनावी ड्यूटी में उलझे शिक्षक, स्कूलों में पढ़ाई हो रही ठप
गंगापुरसिटी. राज्य के सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से 4 नवबर से शुरू किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआइआर) में बड़ी संया में शिक्षकों को बीएलओ व सुपरवाइजर की जिमेदारी सौंप दी गई है। इससे स्कूलों में पढ़ाई लगभग ठप हो गई है। वहीं शिक्षा विभाग ने अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं दिसबर की बजाय 20 नवबर से कराने का निर्णय लिया है, जिससे शिक्षण सत्र और अधिक प्रभावित हो गया है।प्रदेश में प्राचार्य के 5851, व्यायाता के 18641 और वरिष्ठ अध्यापक के 43120 पद पहले से ही रिक्त हैं। ऐसे में हजारों शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर भेजने से विद्यालयों में कक्षाएं सूनी हो गई हैं। पाठ्यक्रम अधूरा है और विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी अधर में लटक गई है।
जिला का नाम -------पोलिंग बूथों/बीएलओ की संख्या)
सवाई माधोपुर ----------975
करौली -----------------1054
76 हजार बीएलओ
प्रदेश में लगभग 76 हजार 852 बीएलओ नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से करीब 60 से 65 हजार शिक्षक हैं। ये अधिकारी राज्य के 51 हजार 797 मतदान केंद्रों को कवर कर रहे हैं। यह सर्वे लगभग 23 साल बाद किया जा रहा है और 4 दिसबर तक चलेगा।
इस साल किया बदलाव
राज्य सरकार ने इस वर्ष शिविरा पंचांग में बदलाव करते हुए अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं नवबर और बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में आयोजित करने का निर्णय लिया है। जबकि पूर्व में ये परीक्षाएं मार्च में होती थीं। शिक्षकों की अनुपलब्धता और अधूरे पाठ्यक्रम के बीच विद्यार्थियों पर दोहरी मार पड़ रही है। न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि शिक्षकों को बीएलओ या सुपरवाइजर नियुक्त न किया जाए ताकि विद्यालयों में पढ़ाई बाधित न हो। इसके बावजूद प्रशासन ने इन आदेशों की अनदेखी की है। यदि प्रशासन चाहता तो ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, कृषि सुपरवाइजर, पंचायत सहायक, मंत्रालयिक कर्मचारी या तहसील व कलेक्टर कार्यालय के कार्मिकों को इस कार्य में लगाया जा सकता था। लेकिन अब तक अन्य विभागों से किसी को नियुक्त नहीं किया गया है।
इनका कहना है...
यह आदेश जिला कलक्टर ने दिए है। यह सही है कि शिक्षकों की बीलएलओ में ड्यूटी लगी होने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके समाधान के लिए जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारी चाहे तो आधे दिन तक शिक्षण कार्य व आधे दिन बीएलओ के कार्य में लगा सकते है। अन्य जिलों के स्कूलों में यह व्यवस्था की गई है।-हरकेश मीना, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, सवाईमाधोपुर।
जिला प्रशासन को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी समानुपातिक रूप से बीएलओ बनाना चाहिए ताकि शिक्षण कार्य बाधित न हो। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के आदेश दिए हैं, जिनकी पालना नहीं हो रही है।-मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा।
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