राज्य की प्राथमिक शिक्षा संकट में 5500 स्कूल भवन जर्जर, नामांकन गिरा; 12 साल में 12 हजार स्कूल हुए बंद
श्रीगंगानगर. राजस्थान में सरकारी शिक्षा व्यवस्था सुधारने के तमाम दावों के बावजूद हालात बद से बदतर हैं। पिछले 12 वर्षों में प्रदेश के 12,443 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। यह चौंकाने वाला तथ्य विभागीय आंकड़ों से पता चला है।शिक्षा सुधार और स्कूल एकीकरण नीति के नाम पर लिए गए इन फैसलों से न तो शिक्षकों की कमी पूरी हुई और न ही शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार आया। 2013-14 में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत 73,069 सरकारी स्कूल संचालित थे, जो अब घटकर 52,635 रह गए हैं। यानी 20,434 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल बंद कर दिए गए।हालांकि माध्यमिक स्कूलों की संख्या 12,616 से बढ़कर 20,607 हुई है, लेकिन इससे शिक्षा की गुणवत्ता नहीं सुधरी। शिक्षकों की कमी और शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों के बोझ से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा की हालात बदतर हैं।
1.14 लाख पद खाली
शिक्षा विभाग के अनुसार, वर्तमान में 1.14 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें 5,500 प्रधानाचार्य, 11,800 उप-प्रधानाचार्य, 17,000 व्याख्याता, 43,000 ग्रेड द्वितीय और 37,000 ग्रेड तृतीय शिक्षक शामिल हैं।
नामांकन पर भी असर
साल 2021-22 में सरकारी स्कूलों में नामांकन 97.15 लाख था, जो घटकर 77.09 लाख रह गया है। वहीं निजी स्कूलों में इसी अवधि में नामांकन ढाई गुना बढ़ गया।
भवनों की हालत भी खस्ता : प्रदेश में करीब 5500 स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। कई भवनों को तोड़ने के आदेश जारी होने के बावजूद कार्रवाई अधूरी है। कई जगह विद्यार्थी टीन शेड या खुले में पढ़ने को मजबूर हैं। श्रीगंगानगर जिले में 125 स्कूल ऐसे हैं, जिनकी दीवारें और छतें कभी भी ढह सकती हैं। यहां 3377 कक्षा-कक्ष पूर्णतया जर्जर हैं। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेश कोषाध्यक्ष राधेश्याम यादव ने कहा कि रखरखाव के अभाव में बच्चों की सुरक्षा खतरे में है।
आंकड़ों में शिक्षा की हकीकत
श्रेणी संख्या
बंद हुए सरकारी स्कूल (12 वर्ष में) 12,443
रिक्त शिक्षकों के पद 1,14,000
जर्जर स्कूल भवन 5,500
घटा सरकारी स्कूलों का नामांकन 20 लाख
श्रीगंगानगर में जर्जर स्कूल कक्ष 3,377
जिले में जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए थार योजना और डीएमएसटी योजनाओं में राशि स्वीकृत की गई है। वहीं विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए उच्चाधिकारियों को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है। पहले की तुलना में अब कई पद भरे जा चुके हैं।-गिरजेशकांत शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी
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