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सोमवार, 10 नवंबर 2025

विद्यालय की जरुरत को पूरा कर रहे विद्यार्थी, पॉकेट मनी से हर माह 30 रुपए का स्कूल में कर रहे सहयोग

विद्यालय की जरुरत को पूरा कर रहे विद्यार्थी, पॉकेट मनी से हर माह 30 रुपए का स्कूल में कर रहे सहयोग

विद्यालय की जरुरत को पूरा कर रहे विद्यार्थी, पॉकेट मनी से हर माह 30 रुपए का स्कूल में कर रहे सहयोग

जालोर . जसवंतपुरा का पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आवश्यक जरुरतों को पूरा करने का बीड़ा स्वयं विद्यार्थियों ने उठाया हुआ है। यहां ‘मेरी बचत मेरी कक्षा’ के रूप में अनूठी पहल जारी है। जिसमें कक्षा 9 से 12 तक का प्रत्येक विद्यार्थी रोजाना जेब खर्च से 1 रुपए बचाकर विद्यालय विकास में सहयोग कर रहा है।इस तरह से प्रति विद्यार्थी माह में 30 रुपए जमा हो रहे है। तत्कालीन संस्था प्रधान विक्रमसिंह चारण की ओर से इस नवाचार की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई, लेकिन कोराना के दौरान एक सत्र प्रभावित हुआ। उसके बाद 2021 में फिर से इसे शुरु किया गया, जो अनवरत जारी है। पिछले तीन साल से सक्रिय रूप से जारी इस पहल के जरिए विद्यार्थियों की ओर से एकत्र राशि में फर्नीचर, लाइब्रेरी, आलमारी, रैक, गमले, विद्यालय सजावट समेत अन्य कार्य करवाए गए। बता दें जसवंतपुरा के इस विद्यालय का ट्रूप पिछले साल सिक्किम पहुुंचा। जहां विद्यार्थियों का राजभवन में स्वागत हुआ। यहां राज्यपाल ओम माथुर ने विद्यार्थियों की ओर से संचालित मेरी बचत मेरी कक्षा पहल की सराहना की।


तीन सत्र में विद्यार्थी ने इतना सहयोग किया

सत्र-2023/24

● 1 लाख 13 हजार 345 रुपए एकत्र, जिसमें पूरी राशि का व्यय विद्यालय के विकास कार्यों में व्यय किया गया।

सत्र-2024-25

● 97 हजार 540 रुपए एकत्र हुए, जिसमें विद्यार्थियों की ओर से बताई गई जरुरतों पर टैंडर प्रक्रिया के आधार पर 93 हजार व्यय किए गए

सत्र 2025-26

● अक्टूबर तक 40 हजार रुपए एकत्र, विद्यार्थियों ने नोटिस बोर्ड और डेकोरेशन सामग्री की जरुरत जताई



तब विद्यार्थी या विद्यालय स्टाफ भी करते हैं सहयोग

वर्तमान में 700 से अधिक विद्यार्थी प्रतिदिन विद्यालय में 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से करीब 21 हजार रुपए प्रतिमाह का सहयोग कर रहे हैं। इस नवाचान के साथ एक अनूठी पहल यह भी है कि जो विद्यार्थी माह के 30 रुपए देने में सक्षम नहीं है तो यह सहयोग राशि भी अन्य विद्यार्थी आपसी सहयोग से अदा करते हैं। जरुरत पडऩे पर स्वयं कक्षाध्यापक और विद्यालय प्रबंधन भी इस राशि में सहयोग करते हैं।







इस तरह से होता है विद्यालय में विकास


● विद्यालय और कक्षा की जरुरत विद्यार्थी स्वयं तय करते हैं। जिसके बाद विद्यार्थी जरुरत से संबंधित प्रार्थना पत्र संस्था प्रधान को पेश करते हैं।

● बड़ी जरुरत की पूर्ति के लिए मांग प्राप्त होने पर विद्यालय प्रबंधन की ओर से क्रय समिति के सुझाव पर टैंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है और उसके अनुरूप खरीद या कार्य होते हैं।

इन्होंने कहा

विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ विद्यार्थियों को भावनात्मक रूप से जोडऩे की कड़ी में ही यह पहल शुरु की गई। इसमें विद्यार्थी स्वयं विद्यालय की जरुरतें बताते हैं, हर माह राशि एकत्र करते हैं तो विद्यालय में बहुआयामी विकास कार्य भी हो रहे हैं।-दिनेश कुमार, कार्यवाहक प्राचार्य, पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जसवंतपुरा

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