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रविवार, 9 नवंबर 2025

राजस्थान बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव: अब साल में दो बार होगी RBSE 10वीं-12वीं की परीक्षा, लागू होगा ‘बेस्ट ऑफ टू’ नियम

Rajasthan RBSE Board Exam: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) के विद्यार्थी साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के प्रावधानों के अनुरूप लिया गया है।


राजस्थान बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव: अब साल में दो बार होगी RBSE 10वीं-12वीं की परीक्षा, लागू होगा ‘बेस्ट ऑफ टू’ नियम

सीबीएसई की तर्ज पर राजस्थान 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। स्कूल शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को घोषणा की कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई), अजमेर, 2026-27 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में छात्रों को कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए दो मौके दिए जाएंगे।


दो बार बोर्ड परीक्षा का फायदा क्या है?

दिलावर ने कोटा शहर के गणेश नगर में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा, जबकि पास होने वाले छात्रों को अपने अंकों में सुधार के लिए दूसरे प्रयास में अधिकतम तीन विषयों में दोबारा बैठने का ऑप्शन मिलेगा।


राजस्थान बोर्ड एग्जाम कब-कब होंगे?

पहली मुख्य परीक्षा फरवरी-मार्च में आयोजित की जाएगी, उसके बाद उसी शैक्षणिक वर्ष के मई-जून में दूसरी बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। दोनों परीक्षाओं में पूरा सिलेबस शामिल होगा। स्टडी और एग्जाम प्लान समान रहेगा मुख्य परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को दूसरे बोर्ड परीक्षा तभी शामिल होने की परमिशन दी जाएगी जब वे वेलिड मेडिकल सर्टिफिकेट या जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) से प्राधिकरण सबमिट करेंगे।


दोनों बार बोर्ड परीक्षा में फेल हुए तो क्या होगा?

जिन छात्रों को परीक्षा परिणाम में 'सप्लीमेंट्री' (सुधार के लिए पात्र) अंक मिलेंगे, उन्हें सप्लीमेंट्री विषयों के साथ अधिकतम तीन विषयों में दूसरी परीक्षा देने की अनुमति होगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया, 'अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे दूसरे प्रयास में फेल हुए विषयों में फिर से बैठने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, जो छात्र दूसरे प्रयास में भी फेल होते हैं, उन्हें रिपीट कैटेगरी में रखा जाएगा और वे केवल अगले शैक्षणिक वर्ष की मुख्य परीक्षा में ही शामिल हो सकेंगे।'


बेस्ट ऑफ टू पॉलिसी

दोनों प्रयासों के लिए परीक्षा शुल्क समान रहेगा और 'Best of two attempts' नीति लागू होगी। यानी छात्र जिस बार की बोर्ड परीक्षा में सबसे अच्छे मार्क्स लाएंगे, उन्हें फाइनल माना जाएगा और दोनों बोर्ड परीक्षा में से सबसे ज्यादा नंबर के आधार पर राजस्थान बोर्ड रिजल्ट तैयार किया जाएगा। मंत्री ने कहा, 'इस सुधार का उद्देश्य एग्जाम स्ट्रेस को कम करना, छात्रों को लचीलापन प्रदान करना और राजस्थान के एजुकेशन सिस्टम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत बनाना है।'

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