एक मई तक आनलाइन कराएं डीएलएड प्रशिक्षुओं के आवेदन
प्रयागराज : डीएलएड प्रशिक्षण बैच 2021 के प्रथम सेमेस्टर, 2017 एवं 2018 के प्रथम सेमेस्टर (अनुत्तीर्ण) और बीटीसी प्रशिक्षण-2013, 2014, 2015 सेवारत उर्दू व मृतक आश्रित के अभ्यर्थियों के आनलाइन आवेदन पत्र भरने के निर्देश डायट प्राचार्यों को दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने यह कार्य 27 अप्रैल से एक मई के मध्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। डीएलएड-2021 से प्रथम बार आनलाइन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गई है।
शुल्क 400 रुपया प्रति प्रशिक्षणार्थी निर्धारित किया गया है। सचिव ने निर्देश दिया है कि आनलाइन आवेदन में की जाने वाली प्रविष्टियों को भली भांति मिलान करने के उपरांत ही सेव करते हुए सुरक्षित करें। इसमें किसी भी त्रुटि के लिए डायट प्राचार्य एवं संबंधित संस्था प्रमुख जिम्मेदार होंगे। आवेदन पत्र आनलाइन करने के लिए तय की गई तिथि के बाद कोई अतिरिक्त अवसर नहीं दिया जाएगा।
किसी भी परिस्थिति में आफलाइन आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे। सचिव ने यह भी कहा है कि विगत सेमेस्टर की परीक्षा में आवेदन आनलाइन कराए जाने की प्रक्रिया के बीच कुछ डायट प्राचार्यों ने आफलाइन आवेदन पीएनपी कार्यालय को भेजे थे, यह स्थिति कदापि ठीक नहीं है। ऐसी स्थिति पुन: आती है तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए दंडात्मक कार्यवाही के लिए अनुशंसा की जाएगी। आनलाइन आवेदन के लिए प्राचार्यों को तरीका भी समझाया गया है।
डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) बैक पेपर में अधिकांश प्रशिक्षु चौथा मौका न मिलने से निराश हैं। कहा है कि करीब दस हजार प्रशिक्षुओं के प्रत्यावेदन में लगभग दो हजार को ही मौका दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। इसे भेदभाव की संज्ञा देकर प्रशिक्षुओं ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। कहा है कि स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) और परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के बीच प्रशिक्षु उलझे हुए हैं। डीएलएड संघ के अध्यक्ष रजत सिंह ने कहा है कि प्रत्यावेदन देने वाले सभी प्रशिक्षुओं को चौथा मौका न देकर उनके साथ खिलवाड़ किया गया है।
एससीईआरटी निदेशक द्वारा तीसरे और चौथे सेमेस्टर वाले प्रशिक्षुओं को बैक पेपर में चौथा मौका दिए जाने के निर्णय का उन्होंने स्वागत तो किया, लेकिन कहा कि पोर्टल पर करीब दो हजार प्रशिक्षुओं की ही सूची होने से बाकी को झटका लगा है। वह बताते हैं कि एससीईआरटी की ओर से बताया जाता है कि सूची पीएनपी कार्यालय को भेज दी गई है, जबकि पीएनपी में बताया जाता है कि जितने प्रशिक्षुओं की सूची पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई थी, उन्हें बैक पेपर परीक्षा में सम्मिलित किया गया है। पीएनपी से राहत नहीं मिलने पर प्रशिक्षुओं ने एससीईआरटी और मुख्यमंत्री से शिकायत की है।
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