बिहार : प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के 14.58 लाख आवेदन लंबित
पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के पिछले तीन सालों के 14 लाख 58 हजार 544 आवेदनों के लंबित रहने पर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को सख्त निर्देश जारी किया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने डीडीसी को लिखे पत्र में कहा है कि उक्त योजना के वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए राज्य के बाहर और राज्य के अंदर के संस्थानों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के पीएमएस पोर्टल पर कुल 17 लाख 25 हजार 227 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनके विरुद्ध अभी-तक मात्र दो लाख 66 हजार 683 आवेदनों को जिला छात्रवृत्ति समिति से अनुमोदन हुआ है। वहीं, 14 लाख 58 हजार 544 आवेदन विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। विभाग द्वारा जांच में यह जानकारी मिली है।
विभाग ने कहा है कि इन लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन किया जाना आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा भुगतान के लिए अंतिम तिथि 31 मई, 2022 निर्धारित की गई है। इस तिथि तक छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं होता है तो भारत सरकार द्वारा राशि निर्गत नहीं की जाएगी। इसलिए प्राथमिकता के आधार पर छात्रवृत्ति भुगतान की कार्रवाई पूरी की जाय।डीडीसी को निर्देश है कि जिला छात्रवृत्ति समिति की बैठक 23 मई को बुलाएं। 25 मई तक सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा छात्रवृत्ति समिति द्वारा अनुमोदित आवेदनों को पीएमएस पोर्टल पर सत्यापित करेंगे। ताकि 26 और 27 मई तक भुगतान की कार्रवाई पूरी करते हुए निर्धारित समय के अंदर भारत सरकार को रिपोर्ट भेज दी जाए।
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