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गुरुवार, 26 मई 2022

एनएएस रिपोर्ट :देश भर में 34 लाख छात्रों का मूल्यांकन, 48 फीसदी बच्चे पैदल, 9 फीसदी वाहनों से जाते हैं स्कूल, 72 फीसदी के पास ही डिजिटल उपकरण



 एनएएस रिपोर्ट :देश भर में 34 लाख छात्रों का मूल्यांकन, 48 फीसदी बच्चे पैदल, 9 फीसदी वाहनों से जाते हैं स्कूल, 72 फीसदी के पास ही डिजिटल उपकरण

देश में स्कूल जाने वाले बच्चों में 48 प्रतिशत अपने विद्यालय पैदल जाते हैं तथा सिर्फ 9 प्रतिशत बच्चे स्कूल वाहनों का उपयोग करते हैं। वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) रिपोर्ट बुधवार को जारी कर दी गई है। यह स्कूली शिक्षा प्रणाली के समग्र मूल्यांकन को दर्शाता है। आखिरी एनएएस 2017 में आयोजित किया गया था।

72 प्रतिशत छात्रों को घर पर डिजिटल उपकरण

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 18 प्रतिशत बच्चे साइकिल से, 9 प्रतिशत सार्वजनिक वाहनों से, 9 प्रतिशत स्कूली वाहनों से, 8 प्रतिशत अपने दोपहिया वाहन तथा 3 प्रतिशत अपने चौपहिया वाहन से स्कूल जाते हैं। सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि स्कूल जाने वाले बच्चों में 18 प्रतिशत की मां पढ़ या लिख नहीं सकती हैं जबकि 7 प्रतिशत साक्षर हैं, लेकिन स्कूल नहीं गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 72 प्रतिशत छात्रों को घर पर डिजिटल उपकरण उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि 89 प्रतिशत बच्चे स्कूल में पढ़ाए गए पाठ को अपने परिवार के साथ साझा करते हैं और 78 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिसके घर पर बोली जाने वाली भाषा स्कूल के समान है। सर्वेक्षण के अनुसार, 96 प्रतिशत बच्चे स्कूल आना चाहते हैं और 94 प्रतिशत स्कूल में सुरक्षित महसूस करते हैं।

महामारी के दौरान घर पर पढ़ाई में कठिनाई 

कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में 38 प्रतिशत छात्रों को घर पर पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जबकि 24 प्रतिशत छात्रों को कोई डिजिटल उपकरण उपलब्ध नहीं थे। रिपोर्ट में ‘महामारी के दौरान घर पर पठन-पाठन’ के खंड में कहा गया है कि 45 प्रतिशत छात्रों के लिए घर पर पढ़ना आनंददायक रहा। सर्वेक्षण में 50 प्रतिशत छात्रों को घर और स्कूल में पढ़ाई करने में कोई अंतर नहीं महसूस हुआ। इस अवधि में 78 प्रतिशत छात्रों के लिए काफी एसाइनमेंट मिलना बोझ का कारण बन गया। राष्ट्रीय स्तर पर 7 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने की बात भी सामने आई जबकि 17 प्रतिशत स्कूलों में कक्षा में पर्याप्त जगह की कमी की बात सामने आई।

 12 नवंबर को आयोजित हुआ था एनएएस

पिछले साल 12 नवंबर को आयोजित एनएएस-2021 में देश भर के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 720 जिलों के 1.18 लाख स्कूलों में 34 लाख से अधिक छात्रों का मूल्यांकन किया गया। एनएएस हर तीन साल में कक्षा 3, 5, 8 और 10 में बच्चों की सीखने की क्षमता का व्यापक मूल्यांकन करके देश में स्कूली शिक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य का आकलन करता है। 

सरकारी, निजी के साथ सहायता प्राप्त स्कूल शामिल

एनएएस 2021 में केंद्र और राज्य सरकार के स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और निजी स्कूल शामिल हैं। सर्वेक्षण कक्षा 3 और 5 के लिए भाषा, गणित और ईवीएस के लिए 22 भाषाओं में आयोजित किया गया था। कक्षा 8 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान तथा कक्षा 10 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी में आयोजित किया गया था।  इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया, ‘एनएएस-2021 का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली की दक्षता के संकेतक के रूप में बच्चों की प्रगति और सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करना है, ताकि विभिन्न स्तरों पर उपचारात्मक कार्रवाई के लिए उचित कदम उठाए जा सके। यह सीखने में अंतराल को दूर करने में मदद करेगा और एनएएस-2021 डेटा के आधार पर सीखने के स्तर में सुधार और अंतर योजना पर फोकस करने के लिए दीर्घकालिक, मध्यकालिक और अल्पकालिक हस्तक्षेप करने में राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को सहयोग करेगा।

सभी विषयों में प्रदर्शन पर आधारित रिपोर्ट

रिपोर्ट लिंग (महिला और पुरुष), क्षेत्र (ग्रामीण और शहरी), स्कूलों के प्रबंधन (सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी गैर सहायता प्राप्त) और सामाजिक समूहों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य) की अनुसूची के आधार पर सभी विषयों में प्रदर्शन पर आधारित है। यह राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण सीबीएसई द्वारा एक ही दिन में एक ही समय पर किया गया था। सर्वेक्षण का प्रबंधन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के प्रौद्योगिकी मंच के माध्यम से किया गया था।

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