विवि में पेपर लीक की घटनाओं पर सरकार ने मांगी रिपोर्ट, दोषियों पर होगी कार्रवाई विवि की परीक्षाओं में जीपीएसयुक्त वाहनों से
आगरा के पेपर लीक मामले से सबक लेते हुए अब प्रश्नपत्रों को जीपीएसयुक्त वाहनों से भेजा जाएगा। परीक्षा केन्द्र के संचालन के लिए बने नोडल सेंटरों के स्ट्रांग रूम में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन लॉक लगाया जाएगा जो विवि के कंट्रोल रूम से ही खुलेगा। ये व्यवस्थाएं आगरा के डा. भीमराम अम्बेडकर विवि से शुरू की जा रही हैं। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बुधवार को कहा कि सफलता मिलने पर इसे सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आगरा में पेपर लीक की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए नई व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों को प्रश्नपत्र देने का वीडियो गूगल लिंक पर डाला जाएगा। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी नोडल केन्द्रों पर राजकीय या अनुदानित महाविद्यालयों के वरिष्ठ शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। सभी प्रश्नपत्र पर्यवेक्षक की मौजूदगी में खोले जाएंगे। सभी नोडल केन्द्रों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन लॉक लगवाया जा रहा है। इसका नियंत्रण विवि के कंट्रोल रूम से होगा और परीक्षा शुरू होने के एक घंटा पहले इसे कंट्रोल रूम से खोला जाएगा। स्ट्रांग रूम के अन्दर और बाहर दो-दो सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं।
अनुचित तरीके से पेपर लेने वाले छात्रों पर भी होगी कार्रवाई
उच्च शिक्षा मंत्री ने डा. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह को निर्देश दिए हैं कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। इस मामले में विभागीय जांच व अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाए। एफआईआर की विवेचना में चिह्नित अपराधियों का खुलासा कर उनके खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई जाए। अनुचित रूप से पेपर लेने वाले छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। आगरा में अभी तक 32 नोडल केन्द्र थे, लेकिन परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्नपत्र आधा घंटा पहले पहुंचे, इसके लिए नोडल केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गयी है। परीक्षा केन्द्रों पर केन्द्राध्यक्ष के अतिरिक्त सभी के लिए मोबाइल फोन प्रतिबन्धित कर दिया गया है।
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