इलाहाबाद विश्वविद्यालय : अब संकायवार होगा प्री-पीएचडी कोर्स
इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में पीएचडी में दाखिला लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। शोध से पहले प्री-पीएचडी कोर्स को एक रूपता दी जा रही है। विश्वविद्यालय ने प्री-पीएचडी कोर्स के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। प्री-पीएचडी के लिए यह पाठ्यक्रम संकायवार (कला, विज्ञान, वाणिज्य और विधि) होगा। संकायवार कक्षा और परीक्षा आयोजित की जाएगी। एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद नए पाठ्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाएगा। शोधार्थियों को छह माह का प्री-पीएचडी कोर्स अनिवार्य रूप से करना होगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अब तक विभागवार प्री-पीएचडी के लिए कोर्स तैयार किए जाते थे। जैसे कला संकाय के अंतर्गत संचालित होने वाले विषयों के लिए अलग-अलग कोर्स तैयार किए जाते थे। इससे प्री-पीएचडी के कोर्स संचालन और परीक्षा की तिथि भी अलग-अलग होती थी। इससे शोधार्थियों को समय पर शोधकार्य पूरा करना चुनौती होती थी।
दाखिले को मई के अंत से शुरू होंगे आवेदन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में नए शैक्षिक सत्र 2022-23 परास्नातक में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया मई के अंत में शुरू हो जाएगी। एजेंसी चयन के लिए जारी टेंडर की समयावधि पूरी हो गई है और एक सप्ताह के भीतर एजेंसी चयन पर अंतिम मुहर भी लग जाएगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पीजी प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया एजेंसी के माध्यम से होनी है। एजेंसी चयन के लिए 21 दिन पहले टेंडर जारी किया गया था, जिसकी समयावधि 14 मई को पूरी हो गई है। मंगलवार को टेक्निकल एवं फाइनेंशियल बिडिंग की कार्यवाही पूरी की जाएगी और एजेंसी का चयन होगा। पीजी प्रवेश के लिए चेयरमैन प्रो. प्रशांत घोष ने बताया कि मई के अंत में पीजी प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। ज्ञात हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश के लिए इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है।
शोधार्थियों को छह माह का प्री-पीएचडी कोर्स अनिवार्य रूप से करना होगा
यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार हर संकाय के संयुक्त प्री-पीएचडी प्रोग्राम के विषय में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसे किस सत्र से लागू किया जाएगा इसके विषय में निर्णय एकेडमिक काउंसिल की बैठक में होगा। इसके बाद यह विश्वविद्यालय में लागू हो जाएगा।-डॉ. जया कपूर, पीआरओ, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें