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गुरुवार, 26 मई 2022

CCSU : कॉलेजों से मिलेंगी चार सत्रों की रेगुलर डिग्रियां, 2014-2017 तक के रेगुलर छात्रों की डिग्री विवि भेज चुका है कॉलेज

 

CCSU : कॉलेजों से मिलेंगी चार सत्रों की रेगुलर डिग्रियां, 2014-2017 तक के रेगुलर छात्रों की डिग्री विवि भेज चुका है कॉलेज

चौधरी चरण सिंह विवि में सत्र 2014-2017 तक चार सत्रों के रेगुलर छात्र-छात्राओं की डिग्रियां संबंधित कॉलेजों से मिलेंगी। इन सत्रों के छात्रों को विवि कैंपस में डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद के तीन सत्रों में भी विवि रेगुलर-प्राइवेट स्टूडेंट की डिग्रियां कॉलेज भेज चुका है। विवि ने संबंधित सत्रों के स्टूडेंट को ऑनलाइन आवेदन करने के बजाय अपने कॉलेज में संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि उक्त सत्रों में डिटेंड, बैक पेपर या एक्स परीक्षा देकर डिग्री पूरी करने वाले छात्र विवि वेबसाइट पर निशुल्क डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।  

ये स्टूडेंट कॉलेजों से लें डिग्रियां

2014 से 2017 तक एडेड, राजकीय, सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों से समस्त कोर्स के रेगुलर स्टूडेंट अपने कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। वर्ष 2018 एवं 2019 में केवल एडेड-राजकीय कॉलेजों से उत्तीर्ण रेगुलर स्टूडेंट, जबकि 2020 में एडेड-राजकीय कॉलेजों में समस्त कोर्स के रेगुलर-प्राइवेट स्टूडेंट संबंधित कॉलेजों से डिग्री ले सकते हैं। विवि के अनुसार उक्त वर्षों के स्टूडेंट कैंपस में ऑनलाइन आवेदन के बजाय कॉलेजों से अपनी डिग्री प्राप्त कर लें। बाकी स्टूडेंट विवि वेबसाइट पर निशुल्क डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

मई के आखिर तक पीएचडी एंट्रेंस के आवेदन 

विवि कैंपस और संबद्ध कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में रिक्त सीटों पर पीएचडी में प्रवेश के लिए जल्द नोटिफिकेशन होने जा रहा है। विवि प्रशासन के अनुसार मई के आखिर तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। अगले हफ़्ते इसका नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। वहीं, मुक्त श्रेणी में आवेदन करने वाले जेआरएफ स्टूडेंट की बुधवार को प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हो गई। 

बीएड कॉलेजों की फिर कोर्ट पर नजर

परफोर्मेंस एनुअल रिपोर्ट (पीएआर) सब्मिट नहीं करने वाले बीएड कॉलेज को सत्र शून्य होने के बाद फिर से कोर्ट पर नजर है। सत्र शून्य के दायरे में आए कॉलेज ने कोर्ट में दस्तक दी है। कॉलेजों के अनुसार उन्हें पीएआर अपलोड करने का दो दिन का वक्त दिया गया था, लेकिन इस अवधि में अधिक दबाव होने से डाटा अपलोड नहीं हो सका। कॉलेजों के अनुसार देशभर के कॉलेज अपनी रिपोर्ट अपलोड करने की कोशिश कर रहे थे। कॉलेजों ने कोर्ट से रिपोर्ट अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय देने की अपील की है। 

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