Daily Current Affairs | 25 May Current affairs 2022
1). 22 मई 2022 को संस्कृति मंत्रालय ने राजा रामोहन राय की 250वीं जयंती के अवसर पर एक प्रतिष्ठित प्रतिमा का अनावरण कहाँ किया है ?
उत्तर – कोलकाता, राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन
2). मई 2022 में 12वीं राष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप 2022 का खिताब किसने जीता है ?
उत्तर – हरियाणा
3). हाल ही में चर्चा में रही ‘रामबन सुरंग’ किस राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश में स्थित है ?
उत्तर – जम्मू कश्मीर
4). विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 का आयोजन स्थल कौन-सा है ?
उत्तर – दावोस
5). हाल ही में भारतीय रेलवे और किस संस्थान ने भारत का पहला स्वदेशी हाइपरलूप विकसित करने के लिए साझेदारी की है ?
उत्तर – IIT मद्रास
6). हाल ही में किस राज्य में ‘माया पिट वाइपर’ नाम की एक जहरीले साँप की प्रजाति खोजी गई है ?
उत्तर – मेघालय
7). भारत के किस राज्य में ‘लैवेंडर फेस्टिवल’ का आयोजन किया जाता है ?
उत्तर – जम्मू कश्मीर
8). हाल ही में किस संगठन ने भारत के 10 लाख आशा कार्यकर्ताओं को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है ?
उत्तर – विश्व स्वास्थ्य संगठन
9). खादी और ग्रामोद्योग आयोग किस मंत्रालय के अधीन कार्य करता है ?
उत्तर – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
10). भारत का ‘भूकंपीय जोखिम मानचित्र’ कौन जारी करता है ?
उत्तर – भारतीय मानक ब्यूरो
राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती
संस्कृति मंत्रालय ने 22 मई 2022 को राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती पर उनकी स्मृति में वर्ष भर चलने वाले उत्सव के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया है. यह उद्घाटन समारोह कोलकाता में राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, साल्ट लेक और साइंस सिटी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया है. यह एक वर्षीय उत्सव है, जो अगले वर्ष 22 मई 2023 तक मनाया जाएगा. इस वर्ष 2022 में राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन का 50वां स्थापना दिवस भी है.
इनकी 250वीं जयंती के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने कोलकाता की राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन में इनकी एक प्रतिष्ठित प्रतिमा का भी अनावरण किया है. राजा राममोहन राय, आधुनिक भारत के पुनर्जागरण के जनक और एक अथक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में ज्ञानोदय एवं उदार सुधारवादी आधुनिकीकरण के युग की शुरुआत की थी. राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के राधानगर में एक रुढ़िवादी ब्राहमण परिवार में हुआ था.
इनकी प्रारंभिक शिक्षा फारसी और अरबी भाषाओँ में पटना में हुई थी, जहाँ उन्होंने कुरान, सूफी रहस्यवादी कवियों की रचनाओं तथा प्लेटो एवं अरस्तु की पुस्तकों के अरबी संस्करण का अध्ययन किया. राजा राममोहन राय ने बनारस में संस्कृत भाषा, वेद और उपनिषद का भी अध्ययन किया. इन्होने वर्ष 1803 से 1814 तक ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए वुडफोर्ड और डिग्बी के अंतर्गत निजी दीवान के रूप में काम किया. इन्होने वर्ष 1814 में नौकरी से इस्तीफा दे दिए और अपने जीवन को धार्मिक, सामाजिक एवं राजनितिक सुधारों के प्रति समर्पित करने के लिए कलकत्ता चले गए.
नवंबर 1830 में वे सती प्रथा संबंधी अधिनियम पर प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न संभावित अशांति का प्रतिकार करने के उद्देश्य से इंग्लैंड चले गए थे. दिल्ली के मुगल सम्राट अकबर द्वितीय की पेंशन से संबंधित शिकायतों हेतु राजा राममोहन राय इंग्लैंड गए तभी उन्हें अकबर द्वितीय द्वारा राजा की उपाधि दी गई. रविंद्रनाथ टैगोर ने अपने संबोधन में राजा राममोहन राय को ‘भारत में आधुनिक युग के उद्घाटनकर्ता के रूप में भारतीय इतिहास का एक चमकदार सितारा’ कहा.
राजा राममोहन राय ने वर्ष 1815 में आत्मीय सभा, वर्ष 1821 में कलकत्ता युनिटेरियन एसोसिएशन और वर्ष 1828 में ब्रह्म सभा ( ब्रह्मा समाज ) की स्थापना की. इन्होने जाती व्यवस्था, छुआछूत, अंधविश्वास और नशीली दवाओं के इस्तेमाल के विरुद्ध भी अभियान चलाये थे
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