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गुरुवार, 12 मई 2022

NTA NEET 2022: नीट-बीडीएस के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने पर जवाब तलब



 NTA NEET 2022: नीट-बीडीएस के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने पर जवाब तलब

सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नीट-बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली नीट-यूजी अभ्यर्थियों की याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा।न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और एमबीबीएस पाठ्यक्रमों और ‘बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस)’ पाठ्यक्रमों के लिए दिए गए प्रवेश में कटौती के बाद पात्र उम्मीदवारों की कुल संख्या जैसे विशिष्ट बिंदुओं पर जवाब मांगा। पीठ ने केंद्र से सरकारी और निजी/ डीम्ड कॉलेजों में उपलब्ध सीटों के मद्देनजर ‘पर्सेंटाइल’ कम करने की अनुमति नहीं देने के कारणों से भी अवगत कराने को कहा।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को एक नोट सौंपा और कहा कि सभी रिक्तियों के लिए परिणाम घोषित किए गए हैं और सरकारी कॉलेजों में 111 सीटों का आवंटन किया गया है। पीठ ने कहा कि ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने भी 6 अप्रैल के अपने पत्र में सीटें रिक्त होने की बात को स्वीकार किया है और कहा है कि 20,000 सीटों में से केवल 9000 सीटें ही भरी गई हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 29 अप्रैल को केंद्र को बीडीएस में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने के अपने (केंद्र के) फैसले पर विचार करने को कहा था। न्यायालय ने पाठ्यक्रम के लिए 9000 से अधिक सीटें रिक्त रहने का जिक्र करते हुए यह बात कही थी। पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया था कि बीडीएस दाखिले के लिए अंतिम तिथि 11 अप्रैल से बढ़ा कर 15 मई कर दी गई है और ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने केंद्र से कट-ऑफ अंक घटाने की सिफारिश की है। 

उच्चतम न्यायालय दंत चिकित्सा की पढ़ाई करने के इच्छुक राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-अंतर स्नातक (नीट-यूजी) में उपस्थित हुए अभ्यर्थियों की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नीट-बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली नीट-यूजी अभ्यर्थियों की याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और एमबीबीएस पाठ्यक्रमों और ‘बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस)’ पाठ्यक्रमों के लिए दिए गए प्रवेश में कटौती के बाद पात्र उम्मीदवारों की कुल संख्या जैसे विशिष्ट बिंदुओं पर जवाब मांगा। पीठ ने केंद्र से सरकारी और निजी/ डीम्ड कॉलेजों में उपलब्ध सीटों के मद्देनजर ‘पर्सेंटाइल’ कम करने की अनुमति नहीं देने के कारणों से भी अवगत कराने को कहा।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को एक नोट सौंपा और कहा कि सभी रिक्तियों के लिए परिणाम घोषित किए गए हैं और सरकारी कॉलेजों में 111 सीटों का आवंटन किया गया है। पीठ ने कहा कि ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने भी 6 अप्रैल के अपने पत्र में सीटें रिक्त होने की बात को स्वीकार किया है और कहा है कि 20,000 सीटों में से केवल 9000 सीटें ही भरी गई हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 29 अप्रैल को केंद्र को बीडीएस में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने के अपने (केंद्र के) फैसले पर विचार करने को कहा था। न्यायालय ने पाठ्यक्रम के लिए 9000 से अधिक सीटें रिक्त रहने का जिक्र करते हुए यह बात कही थी। पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया था कि बीडीएस दाखिले के लिए अंतिम तिथि 11 अप्रैल से बढ़ा कर 15 मई कर दी गई है और ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने केंद्र से कट-ऑफ अंक घटाने की सिफारिश की है। 

उच्चतम न्यायालय दंत चिकित्सा की पढ़ाई करने के इच्छुक राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-अंतर स्नातक (नीट-यूजी) में उपस्थित हुए अभ्यर्थियों की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नीट-बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली नीट-यूजी अभ्यर्थियों की याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और एमबीबीएस पाठ्यक्रमों और ‘बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस)’ पाठ्यक्रमों के लिए दिए गए प्रवेश में कटौती के बाद पात्र उम्मीदवारों की कुल संख्या जैसे विशिष्ट बिंदुओं पर जवाब मांगा। पीठ ने केंद्र से सरकारी और निजी/ डीम्ड कॉलेजों में उपलब्ध सीटों के मद्देनजर ‘पर्सेंटाइल’ कम करने की अनुमति नहीं देने के कारणों से भी अवगत कराने को कहा।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को एक नोट सौंपा और कहा कि सभी रिक्तियों के लिए परिणाम घोषित किए गए हैं और सरकारी कॉलेजों में 111 सीटों का आवंटन किया गया है। पीठ ने कहा कि ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने भी 6 अप्रैल के अपने पत्र में सीटें रिक्त होने की बात को स्वीकार किया है और कहा है कि 20,000 सीटों में से केवल 9000 सीटें ही भरी गई हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 29 अप्रैल को केंद्र को बीडीएस में दाखिले के लिए ‘कट-ऑफ’ अंक नहीं घटाने के अपने (केंद्र के) फैसले पर विचार करने को कहा था। न्यायालय ने पाठ्यक्रम के लिए 9000 से अधिक सीटें रिक्त रहने का जिक्र करते हुए यह बात कही थी। पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया था कि बीडीएस दाखिले के लिए अंतिम तिथि 11 अप्रैल से बढ़ा कर 15 मई कर दी गई है और ‘डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने केंद्र से कट-ऑफ अंक घटाने की सिफारिश की है। उच्चतम न्यायालय दंत चिकित्सा की पढ़ाई करने के इच्छुक राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-अंतर स्नातक (नीट-यूजी) में उपस्थित हुए अभ्यर्थियों की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

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