SSC : पांच स्तरीय सुरक्षा कवच से एसएससी भर्ती परीक्षाओं में आई पारदर्शिता, यूपी और बिहार में फर्जीवाड़ा रोकना चुनौती
SSC Recruitment Exam : समूह ख और ग की भर्तियों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई स्तर पर सतर्कता बढ़ाई गई है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने पांच स्तरीय सुरक्षा कवच का सहारा लिया है ताकि कोई गड़बड़ी न होने पाए। पिछले लगभग एक साल से अभ्यर्थियों के चेहरे का मिलान पांच स्तर तक किया जा रहा है। ऑनलाइन आवेदन में अभ्यर्थी अमूमन पहले की खिंची फोटो अपलोड करते हैं।
लेकिन इसके बाद आयोग टियर-वन, टियर-टू, स्किल टेस्ट और अभिलेख सत्यापन के दौरान लाइव फोटोग्राफ ले रहा है। सभी पांचों फोटो एकसाथ रखकर मिलान किया जा रहा है। ताकि आवेदक के स्थान पर कोई दूसरा परीक्षा में शामिल न हो सके। परीक्षा केंद्रों पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। वहां जैमर लगाया जाता है ताकि ब्लू टूथ या दूसरी इलेक्ट्रानिक डिवाइस काम न कर सके।
बीच-बीच में एग्जिट वेरीफिकेशन भी हो रहा है। यानि परीक्षा देकर निकल रहे अभ्यर्थी के अंगूठे का निशान लेते हैं ताकि यदि परीक्षा केंद्र में प्रवेश के बाद कोई अदला-बदली हुई हो तो पकड़ी जा सके। कुछ परीक्षाओं में पेपर के दौरान कक्ष निरीक्षक टैबलेट लेकर अभ्यर्थियों की फोटो लेते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि सालभर पहले एक भर्ती में जहां 70-80 फर्जी छात्र पकड़े गए थे। यह संख्या अब लगभग शून्य हो गई है।
उत्तर प्रदेश-बिहार में फर्जीवाड़ा रोकना चुनौती
एसएससी मध्य क्षेत्र का कार्यालय प्रयागराज में है जहां से यूपी और बिहार के अभ्यर्थियों की परीक्षा कराई जाती है। इन दोनों राज्यों में फर्जीवाड़ा रोकना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि सरकारी नौकरी पाने के लिए हर फर्जीवाड़ा इन्हीं दो राज्यों में ज्यादा रिपोर्ट होता है। राहुल सचान (क्षेत्रीय निदेशक मध्य क्षेत्र) ने कहा, 'विभिन्न भर्तियों को पारदर्शी पूर्ण तरीके से कराने के लिए एसएससी की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।'
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