323 कॉलेजों को नोटिस के बावजूद नहीं बनाई वेबसाइट, डीआइओएस ने लगाई फटकार दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
माध्यमिक एडेड, राजकीय व वित्तविहीन विद्यालयों के वेब पेज व वेबसाइट बनानी हैं। साथ ही छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की ई-मेल आइडी भी बनाकर यूपी बोर्ड की साइट पर अपलोड करनी हैं। मगर जिले के 323 कालेजों के प्रधानाचार्यों ने लगातार नोटिस के बावजूद अभी तक वेबसाइट बनवाने का काम शुरू तक नहीं किया है। इन सभी विद्यालयों को तीन दिन का अल्टीमेटम अधिकारियों की ओर से जारी कर दिया गया है। इसके बाद इन पर मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर रिपोर्ट बोर्ड को भेज दी जाएगी।
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में 94 एडेड, 33 राजकीय व करीब 650 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें से एडेड व राजकीय विद्यालयों ने वेबसाइट व वेब पेज बनाने का काम पूूरा कर लिया है। मगर वित्तविहीन विद्यालयों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। ये काम मुख्यमंत्री के 100 दिवस कार्ययोजना का महत्वपूर्ण कार्य है। इसको सभी विद्यालयों को हरहाल में करना है। बताया कि जिले के 323 वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को तीन दिन का समय देते हुए अंतिम नोटिस जारी किया गया है। इसके बावजूद जो आदेशों का पालन नहीं करेंगे उनकी मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर रिपोर्ट बोर्ड को भेजी जाएगी। नौरंगीलाल राजकीय इंटर कालेज में इसके लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। किसी प्रधानाचार्य को वेबसाइट बनाने के संबंध में कोई समस्या हो तो यहां संपर्क कर समाधान पाया जा सकता है।
माध्यमिक राजकीय आवासीय बालिका विद्यालयों का संचालन जुलाई से होगा। इन विद्यालयों की नौवीं कक्षा में छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। छात्राएं विद्यालयों के छात्रावास में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करेंगी। जिले में पांच राजकीय विद्यालयों में छात्रावास का निर्माण किया गया है। दौरऊमोड़ के आवासीय राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से अभिभावकों से अपील की गई है कि वे कक्षा आठवीं पास बेटियों को आवासीय राजकीय विद्यालयों की कक्षा नौवीं में दाखिला दिलाएं। क्षेत्र के लोगों को विद्यालय बुलाकर जागरूक भी किया। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि दौरऊमोड़ समेत दत्ताचोली, गोधा, कलाई, सहनौल के राजकीय विद्यालयों में भी छात्रावास निर्माण किया गया है। यहां छात्राओं के प्रवेश के लिए नामांकन शिविर का आयोजन किया गया है।
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