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बुधवार, 8 जून 2022

नई शिक्षा नीति : डीयू, जेएनयू और जामिया में एनईपी के तहत सिलेबस में बदलाव की रफ्तार धीमी


 

नई शिक्षा नीति : डीयू, जेएनयू और जामिया में एनईपी के तहत सिलेबस में बदलाव की रफ्तार धीमी

नई शिक्षा नीति को लेकर स्नातक पाठ्यक्रम व उसके प्रारूप में होने वाले बदलाव को लेकर राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में उदासीनता दिखाई दे रही है। अब भी राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पूरी तरह नहीं हो पाया है। डीयू, जेएनयू व जामिया में यह अभी चल ही रहा है। डीयू ने सभी विभागों से इसकी जानकारी मांगी थी लेकिन अब भी सभी विभागों से यह प्राप्त नहीं हुआ है। 

ज्ञात हो कि सीयूईटी की जुलाई में होने वाली परीक्षा के बाद सभी विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिला शुरू हो जाएंगे। नई शिक्षा नीति के साथ स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में इसी सत्र से यह पढ़ाया जाना है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने यहां विभागों को इस बाबत निर्देश दिया है कि इसे जल्द से जल्द पूरा करके भेजें ताकि उसकी जांच कर इसे अंतिम प्रारूप दिया जा सके।  

नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम और प्रारूप तैयार करने वाली समिति की एक अधिकारी का कहना है कि बार बार विभागों को निर्देश दिए हैं और कई विभागों से प्राप्त भी हुआ है। हमने इसे 15 जुलाई से पहले पूरी तरह तैयार कर विद्वत परिषद में प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा है और हमें उम्मीद है कि सबके सहयोग से यह हो जाएगा। हालांकि एक विभागाध्यक्ष का कहना है कि विश्वविद्यालय बार बार इसे समय से पूरा करने का दबाव बना रहा है लेकिन परीक्षा और अन्य कारणों से यह पूर्व के निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाया था इसे 10 जून तक हर हाल में पूरा करके देने का लक्ष्य है। 

ज्ञात हो कि नई शिक्षा नीति के तहत अब नए सत्र से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों में लागू होने जा रहा है। इसके अलावा कई मूल्य संवर्धन कोर्स भी शुरू होने जा रहे हैं जिसको लेकर देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। 

नई शिक्षा नीति को लेकर स्नातक पाठ्यक्रम व उसके प्रारूप में होने वाले बदलाव को लेकर राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में उदासीनता दिखाई दे रही है। अब भी राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पूरी तरह नहीं हो पाया है। डीयू, जेएनयू व जामिया में यह अभी चल ही रहा है। डीयू ने सभी विभागों से इसकी जानकारी मांगी थी लेकिन अब भी सभी विभागों से यह प्राप्त नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि सीयूईटी की जुलाई में होने वाली परीक्षा के बाद सभी विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिला शुरू हो जाएंगे। नई शिक्षा नीति के साथ स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में इसी सत्र से यह पढ़ाया जाना है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने यहां विभागों को इस बाबत निर्देश दिया है कि इसे जल्द से जल्द पूरा करके भेजें ताकि उसकी जांच कर इसे अंतिम प्रारूप दिया जा सके। 

नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम और प्रारूप तैयार करने वाली समिति की एक अधिकारी का कहना है कि बार बार विभागों को निर्देश दिए हैं और कई विभागों से प्राप्त भी हुआ है। हमने इसे 15 जुलाई से पहले पूरी तरह तैयार कर विद्वत परिषद में प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा है और हमें उम्मीद है कि सबके सहयोग से यह हो जाएगा। हालांकि एक विभागाध्यक्ष का कहना है कि विश्वविद्यालय बार बार इसे समय से पूरा करने का दबाव बना रहा है लेकिन परीक्षा और अन्य कारणों से यह पूर्व के निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाया था इसे 10 जून तक हर हाल में पूरा करके देने का लक्ष्य है। 

ज्ञात हो कि नई शिक्षा नीति के तहत अब नए सत्र से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों में लागू होने जा रहा है। इसके अलावा कई मूल्य संवर्धन कोर्स भी शुरू होने जा रहे हैं जिसको लेकर देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। 


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