जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त, कई अहम फैसलों का रह चुके हैं हिस्सा
केंद्र सरकार ने बुधवार को जस्टिस उदय उमेश ललित को भारत का 49वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस ललित वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने हैं। जस्टिस ललित के बाद अगले वरिष्ठतम जज जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
इस महीने की शुरुआत में अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करने के लिए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा था। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी थी।
8 नवंबर तक का कार्यकाल
जस्टिस ललित 27 अगस्त को शपथ लेंगे। देश के होने वाले नए मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 8 नवंबर तक का होगा। जस्टिस ललित के बारे में आपको बता दें कि यह देश के ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस होंगे जो सुप्रीम का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट के जज नहीं थे। वह वकील से सीधे इस पद पर पहुंचे थे। इससे पहले जस्टिस एसएम सीकर के नाम यह उपलब्धि थी जो 1971 में देश के 13वें चीफ जस्टिस थे।
इन अहम फैसलों का रह चुके हैं हिस्सा
जस्टिस ललित देश के नामी वकीलों में से एक रहे हैं और उन्हें 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति मिली थी। तब से अब तक वह सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के रखरखाव से जुड़े मामले में भी उन्होंने फैसला सुनाया था। यही नहीं पॉक्सो ऐक्ट को लेकर भी अहम फैसला सुनाने वाली बेंच के भी जस्टिस यूयू ललित सदस्य थे। इस फैसले में कहा गया था कि यदि कोई गलत मंशा से बच्चे के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो फिर उसे भी पॉक्सो ऐक्ट के सेक्शन 7 के तहत यौन उत्पीड़न माना जाएगा।
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