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मंगलवार, 30 अगस्त 2022

Class 6th NCERT Polity UPSC Notes : Chapter-6 | गाँव का प्रशासन



 Class 6th NCERT Polity UPSC Notes : Chapter-6 | गाँव का प्रशासन

Class 6th NCERT Polity : Chapter-6 | गांव का प्रशासन ( Administration of Village) | प्रशासन क्या है, विवादों का समाधान क्या है, पुलिस की भूमिका क्या है, पटवारी किसे कहते है और पटवारी की भूमिका क्या है | जमीन के रिकॉर्ड का महत्त्व | तहसीलदार का प्रमुख कार्य | हिन्दू अधिनियम 2005.

ग्राम प्रशासन | Village Administration

शासन के विभिन्न पहलुओं के विकास और उसके अमल को प्रशासन कहते है। प्रशासन का जो भाग जनता की भलाई के लिए होता है, उसे लोक प्रशासन कहते है। गाँवों में प्रशासन की कई पहलू है, जो इस प्रकार है –

  • जन सुविधाओं का निर्माण
  • लोक कल्याण योजनाओं को लागू करना
  • झगड़े का निबटारा
  • जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना
  • लगान ( भू-कर) की वसूली

गाँवों के विवादों का समाधान | Dispute resolution of the village

जब दो लोग या लोगों के दो समूह किसी बात पर सहमत नहीं होते है तो विवाद खड़ा हो जाता है। ज्यादातर विवादों को शांति से हल किया जाता है लेकिन कई बार विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासनिक तंत्र के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है।

पुलिस की भूमिका | The role of Police

पुलिस का काम कानून को लागू करना है। पुलिस को अपने क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र भी बहाल करना होता है। हर गाँव के लिए एक थाना होता है और एक थाने के क्षेत्र में कई गाँव आते है।

थानाध्यक्ष या थानेदार | Station House Officer ( SHO )

पुलिस थाने के मुखिया को थानाध्यक्ष या थानेदार ( SHO ) कहते है। थानेदार का काम शिकायत दर्ज करना होता है। थाने में किसी भी शिकायत को अक्सर FIR ( First Information Report ) के रूप में दर्ज किया जाता है। शिकायत दर्ज करने के बाद थानाध्यक्ष एक कांस्टेबल को विवाद या अपराध के स्थल पर छानबीन के लिए भेजता है। विवादों के समाधान के लिए थानेदार पंचायत या गांव के बुजुर्गों की मदद भी ले सकता है। जरूरत पड़ने पर थानेदार कोर्ट ( न्यायालय ) भी जा सकता है।

जमीन विवाद | Land Disputes

ग्रामीण क्षेत्रों में विवाद का मुख्य कारण जमीन से जुड़ा झगड़ा होता है। गांव के कुछ लोग अन्य लोगों से सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक शक्तिशाली होते है। अधिक शक्तिशाली आदमी, कम शक्तिशाली आदमी की जमीन हड़पने की कोशिश कर सकता है। ऐसी स्थिति में अक्सर SC, ST या पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति शिकार होता है। कई बार एक ही जाति के लोगों के बीच भी जमीन का विवाद उठ खड़ा होता है।

पटवाड़ी | Patwari

पटवारी को कई अन्य नामों से जाना जाता है, जैसे की – कर्मचारी, लेखपाल, ग्रामीण अधिकारी, कानूनगो। पटवारी का काम लगान वसूल करना होता है। राजस्व वसूली तंत्र में पटवारी सबसे अगली पंक्ति का कर्मचारी होता है। पटवारी के सिस्टम को सर्वप्रथम शेरशाह सूरी ने लागू किया था और बाद में इसे अकबर ने और बेहतर किया।

भू-राजस्व या लगान | Land revenue or Rent

भारत में राजाओं और महाराजाओं के जमाने से ही भू-राजस्व सरकार के लिए राजस्व का एक मुख्य स्रोत रहा है। वर्तमान में सरकार, किसी भी किसान के पास की कुल जमीन पर सालाना टैक्स लगाती है। जिला स्तर पर राजस्व वसूली तंत्र का मुखिया कलेक्टर होता है। कलेक्शन से जुड़े होने के कारण जिलाधिकारी को कलेक्टर कहा जाता है।

पटवारी का काम | The work of Patwari

पटवारी का काम निम्नलिखित है –

  • भूमि पर उगने वाली फसल का रिकॉर्ड रखना
  • जमीन के मालिक का रिकॉर्ड रखना
  • जमीन के रिकॉर्ड की जानकारी रखना

जमीन के रिकॉर्ड को खसरा ( Plot) भी कहा जाता है। खसरे की महत्वपूर्ण बातें है –

  • जमीन का वर्तमान मालिक
  • जमीन का क्षेत्रफल
  • उगने वाली फसल
  • जमीन पर कोई अन्य सुविधा

जमीन के रिकॉर्ड का महत्त्व | Importance of Land Records

जमीन का रिकॉर्ड सरकार और जनता दोनो के लिए महत्वपूर्ण होता है। खसरे की आवश्यकता कई मामले में पर सकती है। जैसे की – जमीन बेचने और खरीदने वाले को खसरे की जरूरत पड़ती है और यदि कोई आदमी अपनी जमीन गिरवी रखकर कर्ज लेना चाहता है तो बैंक को उस जमीन का खसरा दिखाना पड़ता है।

जब भी किसी जमीन के स्वामित्व को लेकर कोई विवाद होता है तो उस जमीन के रिकॉर्ड की आवश्यकता होती है। जब कोई व्यक्ति अपने बच्चों में जमीन का बंटवाड़ा करना चाहता है तो उसे इसके रिकॉर्ड की जरूरत पड़ती है।

खसरा निकलवाना | Khasra Removal

कोई भी व्यक्ति उचित शुल्क देकर तहसील से किसी जमीन का खसरा निकलवा सकता है। आप तहसील ऑफिस से जमीन का नक्शा भी ले सकते है। कंप्यूटराइजेशन के बाद, जमीन का रिकॉर्ड प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है।

तहसीलदार | Tehsildar

कई पटवारियों के ऊपर एक तहसीलदार होता है और प्रत्येक तहसील में एक तहसीलदार होता है।

पंचायत और पटवारी का काम एक दूसरे से कैसे जुड़ा हुआ है ?

पटवारी जमीन का लेखा-जोखा रखता है जबकि पंचायत स्थानीय जरूरतों का ध्यान रखता है। जब सड़क बनवाने, नाले बनवाने और कुआँ बनवाने या चापाकाल लगवाना होता है तब पंचायत को भी जमीन के दस्तावेज की जरूरत होती है। ज्यादातर जमीन के विवाद को पंचायत में ही सुलझा लिया जाता है, जिसके लिए दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। इस तरह पंचायत और पटवारी का काम एक दूसरे से जुड़ा हुआ मालूम होता है।

तहसीलदार का प्रमुख कार्य | Major Functions of Tehsildar

तहसीलदार का प्रमुख कार्य निम्नलिखित है –

  • पटवारी के काम का निरीक्षण करना जो राजस्व की निगरानी करता है।
  • किसानों को अपने रिकॉर्ड की नकल आसानी से मिल सके इसका खास ध्यान रखना।
  • विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र जारी करना
  • जमीन से जुड़े विवादित मामलों की सुनवाई करना

गाँवों में अन्य जन सुविधाएँ | Other Public Amenities in the village

गाँवों में अन्य जन सुविधाएँ भी उपलब्ध है जैसे की – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दुग्ध उत्पादक समिति, आगनवाड़ी, सरकारी स्कूल, दुकान, बैंक, आदि।

हिंदू अधिनियम, 2005 | Hindu Act, 2005

पहले किसी व्यक्ति की जमीन को उसके बेटों में बराबर बांटा जाता था। लेकिन हिंदू अधिनियम, 2005 के अनुसार किसी व्यक्ति की जमीन में उसकी बेटियों का भी बराबरी का हिस्सा रहता है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि महिलाओं का सशक्तिकरण हो सके।

गाँव के प्रशासन अध्याय से संबंधित प्रश्न और उत्तर 

1. प्रशासन किसे कहते है ?

उत्तर – शासन के विभिन्न पहलुओं के विकास और उसके अमल को प्रशासन कहते है।

2. लोक प्रशासन किसे कहते है ?

उत्तर – प्रशासन का जो भाग जनता की भलाई के लिए होता है, उसे लोक प्रशासन कहते है।

3. पुलिस का काम क्या है ?

उत्तर – पुलिस का काम कानून को लागू करना है।

4. पुलिस थाने के मुखिया को क्या कहते है ?

उत्तर – पुलिस थाने के मुखिया को थानाध्यक्ष या थानेदार ( SHO ) कहते है।

5. थानेदार का काम क्या है ?

उत्तर – थानेदार का काम किसी भी शिकायत को FIR के रूप में दर्ज करना है.

6. FIR का फुल फॉर्म क्या है ?

उत्तर – First Information Report

7. पटवारी को अन्य किन-किन नामों से जाना जाता है ?

उत्तर – कर्मचारी, लेखपाल, ग्रामीण अधिकारी, कानूनगो आदि.

8. पटवारी के सिस्टम को सर्वप्रथम किसने लागु किया था ?

उत्तर – शेरशाह सूरी

9. जिलाधिकारी को कलेक्टर क्यों कहा जाता है ?

उत्तर – जिला स्तर पर राजस्व वसूली तंत्र का मुखिया कलेक्टर होता है। कलेक्शन से जुड़े होने के कारण जिलाधिकारी को कलेक्टर कहा जाता है।

10. किस अधिनियम के अनुसार किसी व्यक्ति के जमीन में उसके बेटियों का बराबरी का हिस्सा है ?

उत्तर – हिन्दू अधिनियम, 2005

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