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मंगलवार, 30 अगस्त 2022

Class 6th NCERT Polity : Chapter – 5 | पंचायती राज



 Class 6th NCERT Polity : Chapter – 5 | पंचायती राज

Class 6th NCERT Polity for UPSC CSE in Hindi | Chapter – 5 पंचायती राज | पंचायती राज के स्तर | सरपंच और पंच | ग्राम सभा | पंचायत समिती | जिला परिषद | ग्राम पंचायत | ग्राम पंचायत और ग्राम सभा में अंतर | पंच या वार्ड सदस्य | ग्राम पंचायत का कार्य | ग्राम सभा का कार्य | निर्मल ग्राम योजना.

पंचायती राज | Panchayati Raj

लोकतांत्रिक सरकार का सबसे निचला स्तर पंचायत होता है। पंचायत शब्द का अर्थ है “लोगों की सभा”। भारत में पंचायत की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आधुनिक भारत में सरकार ने कई कामों का अधिकार पंचायत को दे दिया है, ताकि सबसे निचले स्तर के लोगों को भी सरकार चलाने में भागीदारी मिल सके।

वैदिक काल में सभा और समिति एक प्रकार से स्थानीय शासन की इकाइयों का ही प्रारंभिक रूप था, जहां विभिन्न प्रकार के मामलों को निपटाने के लिए आपसी विचार-विमर्श के संकेत मिलते है।

पंचायती राज के स्तर | The Level of Panchayati Raj

पंचायती राज के तीन स्तर है :

  • ग्राम पंचायत या ग्राम स्तर की पंचायत
  • पंचायत समिति या जनपद पंचायत या प्रखंड स्तर का पंचायत
  • जिला परिषद या जिला स्तर का पंचायत

1. ग्राम पंचायत | Gram Panchayat

ग्राम पंचायत का गठन चुने हुए सदस्यों द्वारा होता है। एक ग्राम पंचायत का सदस्य कई गाँवों से या केवल एक गाँव से चुनकर आते है। ग्राम पंचायत के सभी व्यस्कों की बैठक को ग्राम सभा कहते है। ग्राम पंचायत का हर व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, वह ग्राम सभा में शामिल हो सकता है।

ग्राम पंचायत और ग्राम सभा में अंतर

ग्राम पंचायत और ग्राम सभा में निम्नलिखित अंतर है :

ग्राम पंचायत

ग्राम सभा

1. ग्राम पंचायत चुने हुए प्रतिनिधियों का समूह होता है।

1. ग्राम सभा एक पंचायत क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यस्कों की सभा होती है।

2. ग्राम पंचायत का सदस्य कई छोटे छोटे गाँवों या किसी एक बड़े गांव का हो सकता है।

2. जिस व्यक्ति की उम्र 18 साल या उससे अधिक हो और जिसका नाम उस गांव की मतदाता सूची में हो, वह ग्राम सभा का सदस्य होता है।

3. ग्राम पंचायत का कार्यकाल 5 सालों का होता है।

3. ग्राम सभा की कोई चुनाव नहीं होती है।



पंच या वार्ड सदस्य | Panch or Ward Member

एक ग्राम पंचायत को कई वार्ड में बांटा जाता है और हर वार्ड से एक सदस्य चुनकर आते है, जिसे पंच या वार्ड सदस्य कहते है। एक पंच को अपने निर्वाचन क्षेत्र के हितों की देखभाल करनी होती है।

सरपंच | Sarpanch

सभी पंच मिलकर एक नेता को चुनते है, जिसे सरपंच या पंचायत प्रधान कहते है। ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता सरपंच करता है।

ग्राम सभा का सचिव | Secretary of Gram Sabha

ग्राम सभा का सचिव किसी ग्राम या पंचायत से चुनकर नहीं आता है बल्कि उसे सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव का काम ग्राम सभा की बैठक बुलाना और बैठक का रिकॉर्ड रखना है।

ग्राम पंचायत के कार्य | Functions of Gram Panchayat

ग्राम पंचायत का निम्नलिखित कार्य है –

1. जन सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव :

ग्राम पंचायत का काम है जल का स्रोत, सड़कें, नालियाँ, प्राथमिक स्कूल और अन्य जन सुविधाओं का निर्माण करवाना। ये सुविधाएं किसी भी गांव के लिए महत्वपूर्ण होती है।

2. स्थानीय कर निर्धारण और वसूली :

ग्राम पंचायत कुछ स्थानीय कर भी वसूलती है, जैसे की स्थानीय बाजार या हाट से ग्राम पंचायत कर वसूलती है।

3. सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन :

गाँवों में रोजगार उत्पन्न कराने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है। ऐसी योजनाओं के लिए आने वाली राशि सरकारी मशीनरी से होकर आती है। ग्राम पंचायत का काम ऐसी योजनाओं को सही से अमल करवाना है। मनरेगा ऐसा ही योजना का एक उदाहरण है।

पंचायत की आमदनी का स्रोत | Source of Income of Panchayat

ग्राम पंचायत को इन स्रोतों से आमदनी होती है –

मकानों और बाजारों से टैक्स

जिला पंचायत द्वारा सरकारी योजनाओं के लिए मिलने वाली राशि

सामुदायिक कार्यों के लिए मिलने वाला दान

ग्राम सभा के कार्य | Functions of Gram Sabha

ग्राम सभा का प्रमुख काम ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी करना है। ग्राम सभा की बैठक के दौरान किसी को भी किसी भी गड़बड़ी के बारे में प्रश्न पूछने का अधिकार है। उदाहरण के लिए, गरीबी रेखा के नीचे ( BPL ) की लिस्ट बनाते समय हो सकता है की सरपंच किसी धनी व्यक्ति का नाम डाल दे या किसी गरीब का नाम हटा दें।

ग्राम सभा का महत्त्व क्या है ? | What is the importance of Gram Sabha?

ग्राम सभा का कार्य ग्राम पंचायत के कार्यों का अवलोकन करना होता है। ग्राम सभा पंचायत को मनमाने ढंग से काम करने से रोकती है। ग्राम सभा की बैठक के दौरान सभी सदस्य को ग्राम पंचायत के गलत कार्यों और पैसों के दुरुपयोग के संबंध में सवाल उठाने का अधिकार देता है। इससे किसी भी योजना को सही तरीके से कार्यान्वित किया जाता है। इस तरह ग्राम सभा चुने हुए प्रतिनिधियों पर नजर रखती है। साथ ही लोगों के प्रति जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

2. पंचायत समिती या जनपद पंचायत या प्रखंड स्तर का पंचायत | Panchayat Samiti or Janapad Panchayat or Block Level Panchayat

पंचायत समिति, तहसील या तालुका या प्रखंड स्तर की सरकार है। किसी भी तहसील के अंदर आने वाला हर गांव मिलकर पंचायत समिति का निर्माण करते है। पंचायत समिति का प्रमुख कार्य ग्राम पंचायत और जिला परिषद के बीच कड़ी का काम करना है।

पंचायत समिति का गठन | Constitution of Panchayat Samiti

पंचायत समिति में चुने हुए सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुछ अपूर्व दृष्ट सदस्य और कुछ सह सदस्य होते है। अपूर्व दृष्ट सदस्यों में उस क्षेत्र के सारे सरपंच, सांसद, विधायक और सब डिविजनल ऑफिसर ( SDO) हो सकते है। सह सदस्यों में महिलाओं तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रतिनिधि, कोई बड़ा किसान और सहकारी समिति के सदस्य हो सकते है। पंचायत समिति का गठन 5 वर्ष के लिए होता है। इसकी अध्यक्षता के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते है।

3. जिला परिषद या जिला स्तर की पंचायत | District Counsil or District level Panchayat

पंचायती राज के शीर्ष पर जिला परिषद आता है। इसकी अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS) अधिकारी करता है। जिला परिषद का काम उस जिलें में पड़ने वाले सभी पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी करना है। जिले के लिए कोई लोक कल्याण काम करवाने का जिम्मा भी जिला परिषद पर होता है।

ग्राम पंचायत का महत्त्व | Importance of Gram Panchayat

ग्राम पंचायत के द्वारा लोगों के हाथों में सत्ता पहुँचती है। स्थानीय समस्याओं और जरूरतों की सबसे अच्छी समझ जनता के पास होती है। अब हर समस्या के लिए मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री तो आ नहीं सकते है, इसलिए अपनी स्थानीय समस्याओं को सुलझाने के लिए लोगों को कुछ शक्ति मिलनी ही चाहिए।

निर्मल ग्राम योजना | Nirmal Gram Yojana

निर्मल ग्राम योजना की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई। इस योजना का संबंध ठोस एवं अर्द्ध-ठोस कचरे, मल-मूत्र के स्वच्छ निस्तारण से है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य “ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाना तथा मैला ढोने की प्रथा को खत्म करना” है।

हाल ही में तेलंगाना भारत का पहला खुले में शौच मुक्त राज्य बना है।

पंचायती राज से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर 

1. खुले में शौच मुक्त होने वाला भारत का पहला राज्य कौन सा है ?

उत्तर – तेलंगाना

2. लोकतांत्रिक सरकार का सबसे निचला स्तर कौन-सा है ?

उत्तर – पंचायत

3. पंचायत शब्द का अर्थ क्या है ?

उत्तर – लोगों की सभा

4. पंचायती राज के कितने स्तर है ?

उत्तर – पंचायती राज के तीन स्तर है – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद्.

5. ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता कौन करता है ?

उत्तर – सरपंच

6. ग्राम सभा का प्रमुख काम क्या है ?

उत्तर – ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी करना

7. पंचायत समिति का गठन कितने वर्ष के लिए होता है ?

उत्तर – 5 वर्ष

8. पंचायती राज का सबसे निचला स्तर कौन-सा है ?

उत्तर – ग्राम पंचायत

9. पंचायती राज का सबसे शीर्ष स्तर कौन-सा है ?

उत्तर – जिला परिषद्

10. जिला परिषद् की अध्यक्षता कौन करता है ?

उत्तर – भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS ) अधिकारी

11. निर्मल ग्राम पंचायत की शुरुआत किस वर्ष हुई ?

उत्तर – 2003

12. “ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाना तथा मैला ढोने की प्रथा को खत्म करना” किस योजना का मुख्य उद्देश्य है ?

उत्तर – निर्मल ग्राम पंचायत


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