NCERT Class 6 Polity Notes Chapter-1 |UPSC, UPPSC, UPSSSC, MPSC, UPSC, SSC, Railway
विविधता क्या है ?
लोगों के बीच धर्म, भाषा, खान-पान, आदि के आधार पर होने वाली भिन्नता को विविधता कहते है. जैसे –
- एक आदमी किसी एक धर्म को मानता है तो दूसरा आदमी किसी अन्य धर्म को.
- अलग-अलग लोग अलग-अलग भाषा बोलते है.
- एक ही भाषा बोलने वाले लोगों का उच्चारण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है.
- उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों के लोग हिंदी बोलते है लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों की हिंदी, मध्यप्रदेश के लोगों की हिंदी से अलग होती है.
- लोगों के खान-पान में भी विविधता देखने को मिलती है, कुछ लोग शाकाहारी भोजन करते है तो कुछ मांसाहारी भोजन.
- गुजरात के ज्यादातर लोग शाकाहारी होते है लेकिन पश्चिम बंगाल के अधिकतर लोग मांसाहारी होते है.
विविधता से लाभ | Benefits of Diversity
जीवन में विविधता से कई लाभ है. जैसे –
- विविधता से हमारे जीवन में कई रंग आ जाते है.
- विविधता से हम संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और प्रकारों का सम्मान करना सीखते है.
- विविधता के कारण हम अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचना सीख लेते है.
- अगर विविधता न होता तो जीवन उबाऊ हो जाता.
विविधता के कारण | Cause of Diversity
विविधता दो मुख्य कारणों से प्रभावित होती है –
1. ऐतिहासिक कारण और
2. भौगोलिक कारण
विविधता पर भूगोल का प्रभाव
भूगोल हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है. इससे यह तय होता है की हमारी शक्ल कैसी है, हम क्या खाते है और हम क्या पहनते है. भारत में भौगोलिक विविधता प्रचुर मात्रा में है. जैसे –
- जम्मू और कश्मीर, हिमालय के निकट होने के कारण एक ठंडी जगह है, इसलिए यहाँ के लोग अक्सर गोरे और लंबे होते है. यहाँ की जलवायु ठंडी होने कारण यहाँ के लोग गर्म कपड़े पहनते है.
- दक्षिण भारत की जलवायु गर्म और नम होती है, इसलिए यहाँ के लोग अक्सर गहरे रंग के और मध्यम लंबाई के होते है. यहाँ के लोग चावल खाते है और व्यंजनों में नारियल का इस्तेमाल करते है.
- पश्चिम बंगाल की जलवायु भी गर्म और नम होती है, इसलिए पूर्वी भारत के अधिकतर लोगों की त्वचा भूरी होती है और यहाँ के लोग मुख्य रूप से चावल और मछली खाते है.
विविधता पर इतिहास का प्रभाव
विविधता पर इतिहास का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. हमारे भोजन में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर चीजें अलग-अलग देशों से आई है. जैसे- आलू, टमाटर, लाल मिर्च और कई अन्य सब्जियाँ और मसाले अलग-अलग देशों से आई है. आदिकाल से ही लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करते आये है. ज्यादातर लोग व्यापार के लिए यात्रा करते थे लेकिन कुछ लोग तीर्थ करने के लिए भी यात्रा करते थे.
यात्रा के दौरान, लोग अपने साथ अपना खानपान, पोशाक, संस्कृति और धर्म को भी ले जाते थे. स्थानीय लोग इनमें से कुछ बातों का समावेश अपने जीवन में कर लेते थे. इस तरह से लोग नए तरह के भोजन और पोशाक का इस्तेमाल करने लगे. अन्य कई लोगों ने नए धर्म को भी अपना लिया. लद्दाख और केरल के उदाहरण से इस बात को समझें –
लद्दाख : लद्दाख ठंडा मरुस्थल है, जो कश्मीर के पूर्वी भाग में स्थित है. यहाँ पर साल के अधिकांश दिनों में बर्फ छाई रहती है इसलिए यहाँ नाममात्र की खेती होती है. यहाँ के लोगों का मुख्य पेशा भेड़, बकरियाँ और याक पालना है. इन जानवरों के दूध और मांस से ये लोग अपना काम चलाते है और जानवरों के बालों से ये लोग ऊन बनाते है और बेचते है. लद्दाख के लोग पश्मीना शाल बनाते है और उन्हें कश्मीर के व्यापारियों को बेच देते है.
प्राचीन काल से ही लद्दाख महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग पर रहा है, इसलिए दुनिया के अलग-अलग कोनों से यहाँ यात्री आते रहे है. सैंकड़ों साल पहले लद्दाख क्षेत्र में इस्लाम धर्म आ गया था. आज भी, इस क्षेत्र में मुसलमानों और बुद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या/आबादी अच्छी है.
केरल : केरल, भारत का एक राज्य है जो दक्षिणी छोर पर स्थित है. यह प्राचीन काल से ही व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है. यहाँ पर व्यापारी मसालों का व्यापार करने आते थे. इन्हीं व्यापारियों के कारण केरल में लगभग 2000 वर्ष पहले इसाई धर्म आया और अरब के व्यापारियों के कारण यहाँ इस्लाम धर्म आया.
यूरोप और भारत के बीच समुद्री मार्ग को ढूंढने वाला पहला पुर्तगाली व्यक्ति वास्को-डी-गामा था. इसका जहाज केरल में ही आया था. तभी से भारत में यूरोपीय संस्कृति आई. केरल में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते है, जैसे- यहूदी, इसाई, इस्लाम, हिन्दू, बौद्ध आदि.
केरल के तटीय इलाकों में जो मछली का जाल इस्तेमाल होता है, वह चीन के जाल जैसा दिखता है, जिसे केरल में ‘चीन-वला’ कहते है. केरल में तलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक बर्तन है, जिसका नाम चिनाचट्टी है. इन बातों से यह पता चलता है की केरल और चीन के बीच बहुत पुराना संपर्क रहा है.
भारत में विविधता | Diversity in India
भारत विविधताओं से भरा देश है, जहाँ लगभग हर मुख्य धर्म को मानने वाले लोग रहते है. यहाँ पर अलग-अलग धर्म को मानने वाले लोग कई मायनों में एक दुसरे से अलग होते है. जैसे – रीती रिवाज, त्योहार, मान्यताएँ, खान-पान और पारंपरिक परिधान.
दुनियाभर में 8 मुख्य धर्म है और भारत में इन सभी धर्मों के अनुयायी रहते है. भारत में 1600 से अधिक भाषाएँ और उनसे भी अधिक बोलियाँ बोली जाती है. यहाँ 100 से अधिक प्रकार के नृत्य है. भारत के विभिन्न भागों में भित्तिचित्र ( Graffiti ) की विभिन्न शैलियाँ देखने को मिलती है.
विविधता में एकता | Unity in Diversity
‘विविधता में एकता’ शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले जवाहरलाल नेहरु ने किया था. इन्होने इन शब्दों का इस्तेमाल इसलिए किया था क्योंकि विविधता ही हमारे देश की शक्ति साबित हुई थी. जब अंग्रेज यहाँ आये थे तब उन्हें लगता था की भारत जैसे विविधतापूर्ण देश पर शासन करना आसान होगा, इसलिए उन्होंने ‘फुट डालो और राज करो’ की नीति अपनाई लेकिन भारत के अधिकांश लोगों ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों को भुलाकर अंग्रेजों से लोहा लिया.
अनेकता में एकता के कारण ही हमलोग अंग्रेजी शासन को यहाँ से उखाड़ने में सफल हुए. भारत की खोज पुस्तक में जवाहर लाल नेहरु ने लिखा है की ‘भारतीय एकता बाहर से थोपी हुई चीज नहीं है, बल्कि यह बहुत गहरी है, जिसके अंदर अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना है’. इसमें विविधता को पहचाना और प्रोत्साहित किया जाता है. इन्हीं भावना के कारण यह बहुत वर्षों में विकसित हुआ है.
भारत हमेशा से विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को अपनाता रहा है. सदियों से यहाँ के लोग विभिन्न तरह की आस्था में विश्वास रखते आ रहे है. आज भी हम कई संस्कृतियों का समावेश करते रहे है और दुनिया के विभिन्न व्यंजनों को अपना रहे है और साथ ही दुनिया के अलग-अलग भागों की पोशाक को अपना रहे है.
भारतीय जन नाट्य संघ | Indian People’s Theater Association ( IPTA )
भारतीय जन नाट्य संघ एक NGO है, जिसकी स्थापना वर्ष 1943 में बंबई में की गई थी. यह कोलकाता स्थित रंगमंच कर्मियों का एक दल है. इसका नामकरण प्रसिद्द वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा ने किया था.
राष्ट्रगान | National Anthem
संविधान सभा द्वारा भारत का राष्ट्रगान ( जन गण मन… ) 24 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया था. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के 1896 के अधिवेशन में पहली बार भारत का राष्ट्रगीत ( वन्दे मातरम ) गाया गया था.
भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ है, जो मूलतः बांग्ला भाषा में गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखा गया है. भारत सरकार द्वारा इसे 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में अंगीकृत किया गया था. इसके गायन की अवधि लगभग 52 सेकेंड है.
गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति है, जिनकी रचना को एक से अधिक देशों में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है. उनकी एक दूसरी कविता ‘आमार सोनार बांग्ला’ को आज भी बांग्लादेश में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है.
ओणम त्योहार | Onam Festival
मान्यता है की, प्राचीन काल के केरल के एक महान राजा थिरुओणम स्वर्ग से वापिस अपनी प्रजा से मिलने आये थे. इसी अवसर पर नौका प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. नौका प्रतियोगिता का आयोजन इसलिए किया जाता है की राजा थिरुओणम समुद्र पार करते हुए स्वर्ग से अपनी प्रजा से मिलने आए थे. ऐसा माना जाता है की इस नौका प्रतियोगिता में जो व्यक्ति विजेता होता है, उसे राजा थिरुओणम का आशीर्वाद सबसे पहले प्राप्त होता है.
FAQ | Frequently Asked Questions
1. पश्मीना ऊन क्या है ?
उत्तर – पश्मीना या कश्मीरी ऊन लेह-लद्दाख के चांगतांग क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश की पहाड़ियों में पाए जाने पश्मीना नस्ल की बकरियों से मिलती है.
2. ओणम त्योहार मुख्य रूप से किस राज्य में मनाया जाता है ?
उत्तर – केरल
3. ओणम त्योहार क्या है ?
उत्तर – एक प्रकार की विशेष नाव प्रतियोगिता
4. ओणम त्योहार का एक अन्य नाम क्या है ?
उत्तर – थिरुओणम
5. केरल में ओणम त्योहार किस महीने में मनाया जाता है ?
उत्तर – सितंबर महीने में
6. बांग्लादेश का राष्ट्रगान क्या है ?
उत्तर – आमार सोनार बांग्ला
7. आमार सोनार बांग्ला के लेखक कौन है ?
उत्तर – रविंद्रनाथ ठाकुर
8. गुरुदेव किनका उपनाम है ?
उत्तर – रविंद्रनाथ ठाकुर
9. भारत का राष्ट्रगान क्या है ?
उत्तर – जन गण मन
10. भारत का राष्ट्रगान गाने की अवधि क्या है ?
उत्तर – 52 सेकेंड
11. संविधान सभा द्वारा भारत का राष्ट्रगान कब अंगीकृत किया गया था ?
उत्तर – 24 जनवरी 1950
12. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के किस अधिवेशन में पहली बार भारत का राष्ट्रगीत गाया गया था ?
उत्तर- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन, 1896
13. भारतीय जन नाट्य संघ ( IPTA ) की स्थापना कब और कहाँ हुई ?
उत्तर- 1943, बंबई
14. भारतीय जन नाट्य संघ का नामकरण किसने किया ?
उत्तर – होमी जहाँगीर भाभा
15. भारत की खोज पुस्तक के लेखक कौन है ?
उत्तर – जवाहर लाल नेहरु
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