Delhi police SI bharti : सीधी भर्ती वालों को वरिष्ठताक्रम में ऊपर रखें
उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सीधी भर्ती होने वाले उप-निरीक्षकों से पदोन्नति पाने वाले व्यक्ति वरिष्ठताक्रम में ऊपर नहीं हो सकते हैं। न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के एक आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला दिया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने दिल्ली पुलिस को एडहॉक पदोन्नति के दिन से ही वरिष्ठताक्रम देने का आदेश दिया था।
इसके खिलाफ सीधी भर्ती होने वाली महिला सब इंस्पेक्टर (कार्यकारी) कुसुम लता और अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने पीठ ने कहा कि पदोन्नति पाने वाले व्यक्ति उस दिन से वरिष्ठताक्रम पाने के हकदार होंगे, जिस दिन से उन्हें वास्तविक पदोन्नति दी गई है। पीठ ने कानून और पूर्व के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि एडहॉक पदोन्नति के दिन से व्यक्ति वरिष्ठताक्रम पाने का हकदार नहीं होगा।
उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली पुलिस को नए सिरे से उप-निरीक्षकों की वरिष्ठताक्रम की सूची तैयार करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने संबंधित विभाग को वरिष्ठताक्रम की सूची में सीधी भर्ती होने वाली महिला सब-इंस्पेक्टरों को ऊपर रखने का आदेश दिया है। पीठ ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ सीधी भर्ती होने वाली महिला सब-इंस्पेक्टरों की ओर से दाखिल याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।
छह माह में सूची तैयार करने का निर्देश
उच्च न्यायालय ने मामले में दिल्ली पुलिस के संबंधित विभाग को सीधी भर्ती के मामले में महिला उप निरीक्षक (कार्यकारी) के पद पर नियुक्ति की तिथि को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठताक्रम (नई पदक्रम) सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। साथ ही पदोन्नति पाने वालों के मामले में नियमित यानी वास्तविक पदोन्नति पाने की तारीख को ध्यान में रखते हुए पदक्रम तैयार करने को कहा है। न्यायालय ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि पदोन्नति पाने वाले उप-निरीक्षकों को वास्तविक पदोन्नति के दिन से ही वरिष्ठताक्रम दिया जाए, न कि एडहॉक यानी तदर्थ सेवा की तारीख से। इसके लिए न्यायालय ने छह माह का वक्त दिया है।
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