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शुक्रवार, 9 सितंबर 2022

UP JEECUP: अब पालीटेक्निक के छात्र नहीं बदल सकेंगे संस्‍थान, जहां लिया प्रवेश वहीं करनी होगी पढ़ाई

 



UP JEECUP: अब पालीटेक्निक के छात्र नहीं बदल सकेंगे संस्‍थान, जहां लिया प्रवेश वहीं करनी होगी पढ़ाई

संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से वल रही काउंसिलिंग के दूसरे दिन गुरुवार को 25 हजार लोगों ने काउंसिलिंग के लिए पंजीयन कराया और 20 हजार ने फीस जमा कर दी है। परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने बताया कि 10 सितंबर को पहले चरण का परिणाम घोषित किया जाएगा। 

पहली बार सभी ट्रेडों की आनलाइन परीक्षा कराई गई और 18 जुलाई को परिणाम भी घोषित कर दिया गया था। अभ्यर्थियों को घर बैठे आनलाइन संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की वेबसाइट jeecup.nic.in से काउंसिलिंग करनी है। काउंसिलिंग के साथ ही संस्थान बदलने को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

काउंसिलिंग के के आधार पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी सरकारी व सहायता प्राप्त के साथ ही निजी संस्थाओं में प्रवेश होता है। कम रैंक वाले मेधावियों को प्राथमिकता के आधार पर संस्था आवंटन का मौका मिलता है। काउंसिलिंग के आधार पर प्रदेश के 1127 निजी, 154 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त और पांच विभागों से संचालित होने वाली संस्थाओं में प्रवेश होता है। पहले सरकारी, फिर सहायता प्राप्त के साथ ही अंत में निजी संस्थाओं में छात्र प्रवेश लेते हैं। गृह जनपद में प्रवेश न होने पर छात्र आसपास के जिलों में प्रवेश ले लेते हैं।

प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही ऐसे छात्र जो संस्था की अदला-बदली करना चाहते थे वे संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव को प्रार्थना पत्र देकर बदलाव करा लेते थे। अदला-बदली के नाम पर छात्रों से धन उगाही भी होने लगी थी। इस पर रोक लगाने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने शासन से इस बदलाव को बंद करने का प्रस्ताव बीते महीने भेजा था। शासन के निर्णय के बाद इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। एक बार फिर इस प्रक्रिया को शुरू करने के प्रस्ताव पर प्राविधिक शिक्षा विभाग ने असहमति व्यक्त की है।

ऐसे में अब छात्र जहां प्रवेश लेंगे वहीं उन्हें पूरी पढ़ाई करनी होगी। किसी भी सूरत में बदलाव नहीं होग। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव राम रतन ने बताया कि मेधावियों का हौसला बना रहे इसकी वजह से संस्था स्थानांतरण पर रोक लगाई गई है। इसे दोबारा शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऑनलाइन पालीटेक्निक लॉक करने की सुविधा मेधावियों को मिलती है। ऐसे में छात्रों को प्रवेश लेने वाली संस्था में ही पढ़ाई करनी होगी।

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