यूपी के इन जिलों के लिए योगी सरकार की बड़ी प्लानिंग, विकास, जॉब और क्या-क्या
राज्य सरकार बार-बार भू-उपयोग बदलने की झंझट से बचने के लिए सिटी डवलपमेंट और लॉजिस्टिक प्लान को मास्टर प्लान यानी महायोजना का हिस्सा बनाने जा रही है। आवास विभाग ने विकास प्राधिकरणों को इस संबंध में तुरंत कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के 59 शहरों का मास्टर प्लान अंतिम चरण में है। इनमें से 56 शहरों के प्लान को नवंबर को मंजूरी शासन स्तर से दे दी जाएगी। आवास विभाग चाहता है कि जिन शहरों का सिटी डवलपमेंट और लॉजिस्टिक प्लान बनाया जाएगा, उसे इससे जोड़ दिया जाए। इससे इन शहरों में सुनियोजित विकास के लिए जमीनों के भू-उपयोग बदलने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
प्रदेश के 13 शहरों लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डवलपमेंट प्लान बनाया जा रहा है। सात शहरों गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ का लॉजिस्टिक प्लान बनाया जा रहा है। ये शहर धार्मिक और पर्यटन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए इन शहरों में अन्य शहरों की अपेक्षा अतिरिक्त सुविधाएं देने की तैयारियां हैं।
क्या होगा फायदा
सिटी डवपलमेंट प्लान में शहर में लोगों की जरूरतों के हिसाब से सुविधाएं विकसित करने की व्यवस्था की जाएगी। उदाहरण के लिए पार्क, सामुदायिक सुविधाओं के साथ ही छोटे-छोटे व्यवसायिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिससे लोगों को जरूरत के हिसाब से अपने आसपास ही सुविधाएं मिल सकें। मास्टर प्लान का इसको हिस्सा बनाने से इनके लिए जमीनें पहले से ही आरक्षित कर दी जाएंगी कि कहां पर क्या सुविधाएं होंगी। इससे यह फायदा होगा कि निर्माण के समय न तो जमीनें खोजनी होगी और न ही भू-उपयोग बदलने का झंझट होगा। निर्माण कार्य की जब भी जरूरत होगी काम शुरू करा दिया जाएगा।
रोजगार के खुलेंगे द्वार
सिटी डवपलमेंट, लॉजिस्टिक और कांप्रेहेंसिंग मोबिलिटी प्लान बनाने का मकसद जहां लोगों को बेहतर सुविधाएं देना हैं, वहीं पर स्थानीय स्तर पर रोजगार के द्वार भी खोलना है। आवास विभाग का मानना है कि जरूरत के आधार पर सुविधाएं मिलने से व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के द्वार खुलेंगे। इसीलिए इन तीनों प्लान को जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं।
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