अच्छा क्रेडिट नहीं तो प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ा सकेंगे शिक्षक
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से संचालित विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का अब नई शिक्षा नीति के तहत क्रेडिट बैंक बनेगा। उन्हें बोर्ड की ओर से दिए जा रहे प्रशिक्षण के आधार पर नंबर मिलेंगे। आगे चलकर बेहतर क्रेडिट वाले शिक्षक ही सीबीएसई से संचालित स्कूलों में अध्यापन कार्य करा सकेंगे।
इस पहल से गोरखपुर-संतकबीर नगर के 141 विद्यालयों में पढ़ाने वाले 4000 शिक्षकों को जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है। सितंबर से ही प्रशिक्षण का आगाज हो गया है। सौ से अधिक विद्यालयों के शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। नवंबर में 19 को जेनिथ कान्वेंट स्कूल, 26 को नवल्स नेशनल एकेडमी, राप्तीनगर और 27 को सरोवर पोर्टिको में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा।
योजना के अंतर्गत अगर, कोई शिक्षक वर्तमान विद्यालय को छोड़कर दूसरे विद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए जाता है तो उनके क्रेडिट बैंक में मौजूद नंबर उनके साथ रहेंगे। इसका रिकार्ड बोर्ड के पास भी उपलब्ध रहेगा।
बोर्ड के अनुसार, जिन जनपदों में 100 से अधिक स्कूल हैं वहां, एक महीने के अंतर्गत दो प्रशिक्षण दिए जाएंगे। वहीं, जहां 100 से कम स्कूलों की संख्या हैं, वहां बोर्ड की ओर से एक महीने में एक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। एक बैच में न्यूनतम 60 शिक्षक प्रशिक्षित होंगे।
दो चरणों में मिलेगा प्रशिक्षण
बोर्ड ने 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य किया है। 25 घंटे का प्रशिक्षण सीबीएसई के विशेषज्ञों की ओर से दिया जाएगा। जबकि, 25 घंटे का प्रशिक्षण सहोदया स्कूल एसोसिएशन समेत अन्य संगठनों की मदद से शिक्षकों को प्रदान किया जाएगा। पहले चरण में गणित, विज्ञान, हिंदी, गणित, अंग्रेजी समेत अन्य परंपरागत विषयों तो दूसरे में गैर पारंपरिक विषयों के अंतर्गत मूल्यपरक शिक्षा, क्लास रूम मैनेजमेंट और स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस सहित अन्य विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) डॉ. सलिल के श्रीवास्तव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। प्रशिक्षण हासिल नहीं करने वाले शिक्षकों को आगे चलकर स्कूल में पढ़ाने का मौका नहीं मिलेगा। प्रशिक्षण हासिल करने वाले शिक्षकों का क्रेडिट बैंक बनाया जाएगा।
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