UGC ने PhD दाखिले के लिए रिवाइज्ड किए नियम, NET/JRF क्वालीफाई के लिए 60 फीसदी सीट आरक्षित करने वाला प्रस्ताव रोका
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी में एडमिशन के लिए दाखिला नियमों को रिवाइज्ड किया है। यह संशोधन इसलिए किया गया है जिससे 4 साल अंडरग्रेजुएट डिग्री होल्डर जो कम से कम 7.5 सीजीपीए हैं, उनके लिए पीएचडी प्रोग्राम आधिकारिक तौर पर ज्वाइन कर सकें। इसके अलावा प्रोफेशनल भी पार्ट टाइम डिग्री रिसर्च कोर्स कर सकें।
इसके अलावा यूजीसी ने नेट और जेआरएफ क्वालीफाई के लिए 60 फीसदी सीटें आरक्षित करने के फैसले को लेकर भी प्रस्ताव को भी फिलहाल रोक दिया है। यूजीसी के चैयरमेन ने कहा है कि इस पर हितधारियों के सुझाव को ध्यान में रखकर विचार नहीं किया गया।
नए नियमों के अनुसार जिन उम्मीदवारों के पास चार साल की डिग्री है और उनके कम से कम 7.5 सीजीपीए वो पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं। इसके अलावा चार साल की डिग्री और फिर पीजी के पहले या दूसरे साल के स्टूडेंट्स भी पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं।
नए नियमों के मुताबिक प्रोफेसनल भी अब पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं, इसके लिए उन्हें अपने साथ नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाना होगा। हिन्दुस्तान टाइम्स में 4 जुलाई को इस प्रास्ताव के बारे में खबर छापी थी। एनओसी में यह जरूर लिखा होना चाहिए कि उसकी ऑफिशियल ड्यूटी उसे यह करने की अनुमति देती है, जिससे वो रिसर्च के लिए जरूरी समय निकाल सके। इसके अलावा अगर जरूरत हो तो कोर्स वर्क के लिए उसे ड्यूटी से रिलीव भी कियाजा सके।
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