यूपी लोकसेवा आयोग के नाम से चिढ़ते थे युवायोगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी लोकसेवा आयोग पांच वर्ष पहले बदनाम केंद्र बन गया था। उसके नाम से युवाओं को चिढ़ होती थी, लगता था कि कहीं न कहीं यह प्रदेश के युवाओं से धोखा कर रहा है। उस समय की स्थिति चिंताजनक थी, युवा आंदोलनरत था। सीबीआई जांच करानी पड़ी थी। वहां भेदभाव, भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। अयोग्य को चेयरमैन बना दिया गया था, जो चयन प्रक्रिया को भ्रष्टाचार की गर्त में भेजता था। अब चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हुई, इसलिए आप भी ईमानदारी से प्रदेश के विकास में सहयोग दें और कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को डबल डिजिट में पहुंचाने में योगदान दें।मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा अधीनस्थ कृषि सेवा (वर्ग-1) के लिए चयनित 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया।
सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए कार्य कर रही सरकार सीएम ने कहा कि 2017 के पहले बिजली नहीं मिलती थी। इसके बाद बिजली मिलने लगी। निजी किसानों ने ट्यूबवेल के कनेक्शन लिए थे, सरकार ने विगत वर्ष निर्णय लेकर सब्सिडी दी। सोलर पंप लगाकर 30 हजार किसानों को निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने का हम प्रयास कर रहे।
अभ्यर्थियों को दिया मंत्र सीएम ने अभ्यर्थियों को मंत्र देते हुए कहा कि अन्नदाता किसानों से संवाद करें। जिस क्षेत्र में काम कर रहे, सिर्फ उसी की नहीं, बल्कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी लेना और प्रगतिशील किसानों के साथ बैठना, समूहों को अपडेट करना और शासन की योजनाओं की कार्रवाई को बढ़ाने में जुड़ेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे।
प्रगतिशील किसान कर रहे सराहनीय का
सीएम ने कहा कि प्रदेश में कई जगह जाकर प्रगतिशील किसानों का बेहतर कार्य देखा है। पीएम ने मन की बात में इसका जिक्र भी किया है। सुल्तानपुर में ड्रैगन फूड, बिजनौर में प्रगतिशील किसान मिले, उनकी सफलता की कहानी देखी। 6 एकड़ खेती में उन्होंने सफलता की नई कहानी गढ़ी। वह किसान 6 एकड़ खेती में प्रतिवर्ष एक करोड़ की कमाई कर रहा है। मुरादाबाद में एक किसान ने खेती को एक्सपोर्ट का माध्यम बनाया।
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