Minimum Wages in Delhi : न्यूनतम वेतन से कम पर भर्तियों के विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से रुख पूछा
Minimum Wages in Delhi : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विभिन्न रिक्तियों के लिए उसकी वेबसाइट पर निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम मासिक वेतन दिए जाने का विज्ञापन जारी किया गया है। जनहित याचिका के जरिए दिल्ली सरकार को किसी व्यक्ति, कंपनी, संगठन या प्रतिष्ठान को इसके आधिकारिक पोर्टल या किसी अन्य मंच पर निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम मासिक वेतन पर रिक्तियों का विज्ञापन जारी करने से रोकने का अनुरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली सरकार के वकील को इस मुद्दे पर अधिकारियों को निर्देश प्राप्त करने को कहा तथा विषय की अगली सुनवाई 23 मई के लिए सूचीबद्ध कर दी।
याचिकाकर्ता मोहम्मद इमरान अहमद ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह कर्मचारियों या श्रमिकों के मूल अधिकारों के संरक्षण, श्रम कानूनों के प्रवर्तन और दिल्ली में बंधुआ मजदूरी खत्म करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान 'प्राइवेट' नौकरियों का विज्ञापन जारी किया गया और वे सरकार से संबद्ध नहीं थीं। उन्होंने कहा कि सरकारी परिपत्र इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि न्यूनतम पारिश्रमिक का अनुपालन करना होगा। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया, जिसपर हजारों रिक्तियों का विज्ञापन दिया गया।
इसमें कहा गया है कि सरकार के 2022 के आदेश का उल्लंघन करते हुए 'ऑफिस ब्वॉय', फील्ड मार्केटिंग कर्मचारी, कुक, 'वेटर', कंप्यूटर ऑपरेटर, रिलेशनशिप मैनेजर, किचन हेल्पर, एंबुलेंस चालक, सुरक्षा प्रहरी और अकाउंटेंट जैसे विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम मासिक वेतन के साथ जारी किया गया। याचिका में कहा गया है, ''सरकारी पोर्टल से यह स्पष्ट है कि श्रम कानूनों का दिल्ली में घोर उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि रिक्तियों का विज्ञापन निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम (मासिक वेतन)पर जारी किया जा रहा है।''याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक का कानून के अनुरूप भुगतान के लिए अधिकारियों का रुख किया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। अकुशल, अर्द्धकुशल, गैर-मैट्रिक, मैट्रिक उत्तीर्ण और स्नातकों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक 16,792, रुपये 18,499,रूपये 20,357, रुपये 18,499 और 22,146 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया है। यह एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी हुआ था।
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