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शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

Railway Bharti: रेल मंत्री ने कहा, रेलवे में 3 लाख से ज्यादा पद खाली, दिया वैकेंसी का लेटेस्ट अपडेट



 Railway Bharti: रेल मंत्री ने कहा, रेलवे में 3 लाख से ज्यादा पद खाली, दिया वैकेंसी का लेटेस्ट अपडेट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि 1 जनवरी 2023 तक भारतीय रेल में कुल 301750 पद रिक्त हैं। उन्होंने यह जानकारी बीजेपी सांसद नीरज शेखर के प्रश्न के जवाब में दी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने वित्तवर्ष 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए औसतन लगभग 53 प्रतिशत की रियायत है।


रेल मंत्री ने कहा कि इस सब्सिडी के ऊपर भी कई श्रेणियों जैसे दिव्यांगजनों, छात्रों और रोगियों को रियायतें दी जा रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को पहले दी जा रही छूट को बहाल करने की योजना बना रही है।


एक संसदीय समिति द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट पर छूट बहाल करने की सिफारिश किए जाने के महीनों बाद मंत्री से एक लिखित प्रश्न में पूछा गया था कि कोविड-19 महामारी के बाद जो रियायत खत्म की गई थी, उस पर सरकार का क्या रुख है?

     

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम के इस सवाल पर कि रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेनों में रियायतें बहाल करने की संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश पर संज्ञान लिया है या नहीं? मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा, ''रेलवे पर स्थायी समिति ने, कम से कम स्लीपर और 3 एसी में वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने के संदर्भ में...समीक्षा और विचार करने की सलाह दी है।''

     

वैष्णव ने कहा, ''सरकार ने वित्तवर्ष 2019-20 में यात्री टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 53 प्रतिशत की रियायत है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है। इस सब्सिडी राशि के अलावा भी रियायतें रेलवे में दिव्यांगजन, छात्रों और मरीजों जैसी कई श्रेणियों के लिए जारी हैं। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है।''

     

भाजपा सांसद सुशील मोदी के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने बताया कि वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को यात्री किराये में रियायत के कारण राजस्व के मोर्चे पर क्रमशः लगभग 1,491 करोड़ रुपये, 1,636 करोड़ रुपये और 1,667 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा। 


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