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रविवार, 3 मार्च 2024

श्रीगंगानगर सहित प्रदेश के 14 जिलों में राज्य की औसत प्रगति से भी कम,विद्यालयों के मूल्यांकन में संस्था प्रधानों ने नहीं दिखाई रुचि


 

 श्रीगंगानगर सहित प्रदेश के 14 जिलों में राज्य की औसत प्रगति से भी कम,विद्यालयों के मूल्यांकन में संस्था प्रधानों ने नहीं दिखाई रुचि


श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर सहित प्रदेश में 14 जिले ऐसे हैं, जो स्व मूल्यांकन एवं बाह्य मूल्यांकन में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे। कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इन जिलों की प्रगति राज्य की औसत प्रगति से भी कम है। इसे लेकर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं समग्र शिक्षा के पदेन जिला परियोजना समन्वयकों को पत्र लिखकर स्थिति में सुधार के लिए कहा है।

यह है प्रक्रिया

राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों को स्व मूल्यांकन व बाह्य मूल्यांकन के बाद उसकी प्रविष्टि को शाला सिद्धि वेब पोर्टल पर अपलोड करना होता है। इसमें पहले विद्यालय का स्व मूल्यांकन कर अपने विद्यालय को ग्रेड देना होता है । इसके बाद अपने विद्यालय की विकास योजना बनाकर विद्यालय के विभिन्न क्षेत्रों (भौतिक, शैक्षिक एवं सहशैक्षिक) में आवश्यक सुधार लाना होता है।

वेब पोर्टल पर अपलोड करना था

आयुक्त के अनुसार वर्तमान सत्र में सत्र 2022-23 की सूचनाओं के आधार पर कुल 63,172 राजकीय विद्यालयों की ओर से स्व मूल्यांकन का कार्य कर डैश बोर्ड शाला सिद्धि वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाना था, लेकिन 31 जनवरी 2024 तक कुल 44,476 राजकीय विद्यालयों की ओर से सत्र 2022-23 की स्व मूल्यांकन की प्रविष्टि की गई।

इन जिलों की रिपोर्ट ज्यादा अच्छी नहीं


प्रदेश में श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जैसलमेर, बारां, प्रतापगढ़, भरतपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, धौलपुर, बासंवाडा, नागौर, राजसंमद व सीकर जिले की प्रगति राज्य की औसत प्रगति (70.40 प्रतिशत) से भी कम है। शिक्षा विभाग ने गत सत्र में राज्य में संचालित कुल राजकीय विद्यालयों में से चयनित एक तिहाई राजकीय विद्यालयों ( 21,456 ) की ओर से सत्र 2021-22 के स्व मूल्यांकन कार्य की समीक्षा के लिए बाह्य मूल्यांकन कराने के निर्देश जारी किए, लेकिन 4,822 राजकीय विद्यालयों ने ही मूल्यांकन कर प्रविष्टि अपलोड की। जैसलमेर एवं सवाई माधोपुर जिले की ओर से अब तक कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया। राज्य की कुल औसत प्रगति 22.47 प्रतिशत है।

इसमें श्रीगंगानगर जिला भी शामिल

बाह्य मूल्यांकन के लिए चयनित एक तिहाई राजकीय विद्यालयों में नागौर की स्थिति भी खराब है। इसमें अलवर, बांसवाडा, झुंझुनूं, उदयपुर, बाड़मेर, भरतपुर, जोधपुर, बारां, सिरोही, झालावाड, प्रतापगढ़, सीकर, चितौडगढ़, हनुमानगढ़, दौसा, नागौर एवं श्रीगंगानगर की प्रगति राज्य की कुल औसत प्रगति से कम है।

संस्था प्रधानों ने स्व मूल्यांकन तो करवा लिया लेकिन विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन कराने में श्रीगंगानगर जिले के संस्था प्रधानों की प्रगति अपेक्षाकृत कम रही है। इसमें सुधार किया जा रहा है।-अरविंद्र सिंह, एडीपीसी, समग्र शिक्षा, श्रीगंगनगर।

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