
विद्या सम्बल योजना में लगाए थे राज्य के 250 से ज्यादा कॉलेज में शिक्षक, कॉलेज में चल रहे सेमेस्टर, बीच सत्र में छूटा शिक्षकों का साथ
अजमेर. राज्य के 250 से ज्यादा कॉलेज पर विद्या सम्बल योजना में कार्यरत शिक्षकों का कार्यकाल खत्म होने से संकट मंडरा गया है। कहीं प्रथम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षाएं होनी हैं, तो कहीं द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने ना स्थायी शिक्षक ना वैकल्पिक इंतजाम किए हैं।
स्टाफ की कमी होने के कारण पाठ्यक्रम समय से पूरा नहीं हो पाता है। इसके चलते राज्य सरकार ने विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फेकल्टी नियुक्त किए हैं। सत्र 2023-24 में 250 से ज्यादा कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति की गई। इनका कार्यकाल 29 फरवरी को पूरा हो गया।
सेमेस्टर पर मंडराया संकट
सत्र 2023-24 से कॉलेज-यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष में सेमस्टर सिस्टम लागू हो चुका है। राजस्थान यूनिवर्सिटी, एमडीएस यूनिवर्सिटी की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं। द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। उधर 29 फरवरी को राज्य के 250 कॉलेज में कार्यरत करीब 1 हजार गेस्ट फेकल्टी का कार्यकाल भी पूरा हो गया। इससे सेमेस्टर की पढ़ाई पर संकट गहरा गया है।
संस्कृत कॉलेज भी शामिल
राज्य में अजमेर सहित कोटा, उदयपुर, नाथद्वारा, डूंगरपुर, बीकानेर, सीकर, जोधपुर, जयपुर सहित अन्य जिलों में सरकारी संस्कृत कॉलेज हैं। इनमें भी विद्या सम्बल योजनान्तर्गत 2 से 3 शिक्षक कार्यरत थे। कार्यकाल समाप्त होने से सेमेस्टर की पढ़ाई और परीक्षाएं कराने में परेशानी होगी। इनमें व्याकरण, सामान्य संस्कृत, साहित्य, धर्मशास्त्र, ज्योतिष गणित, ज्योतिष फलित सहित अन्य विषय शामिल हैं।
फैक्ट फाइल
- 565 कॉलेज हैं राज्य में
- 3500 स्थायी शिक्षक कार्यरत
- 292 कॉलेज में शिक्षकों के 1185 में से 1033 पद खाली
सोसायटी योजना में संचालित कॉलेज
प्रदेश में नए खुले 250 से ज्यादा कॉलेज सोसायटी के अधीन संचालित हैं। इनमें से अधिकांश कॉलेजों में स्थायी शिक्षक नहीं हैं। कहीं एक तो कहीं दो शिक्षक कार्यरत हैं। नोडल कॉलेज के शिक्षक ही व्यवस्था संभाल रहे हैं।
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