परीक्षा और चुनावों के बीच ही होगा मिड डे मील योजना का औचक निरीक्षण 27 व 28 मार्च को निरीक्षण करने के निर्देश
शिक्षक संगठनों ने जताया विरोध
बीकानेर. इन दिनों विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। 28 मार्च से आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू हो रही है। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी लोकसभा चुनावों की तैयारियों में व्यस्त हैं। इसी बीच मिड डे मील आयुक्त ने जिला कलक्टरों को 27 व 28 मार्च को उनके जिले के 20 फीसदी स्कूलों में मिड डे मील योजना में वितरित किए जा रहे भोजन, खाद्यान तथा बाल गोपाल योजना में दिए जा रहे दूध वितरण का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि इन दिनों प्रशासनिक स्तर पर लोकसभा चुनावों की व्यवस्थाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण आयोजित करने, टीमों का गठन करने, मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने, संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए अतिरिक्त जाप्ता लगाने की योजना बन रही है। राज्य में प्रथम चरण में 19 अप्रेल को चुनाव है। उम्मीदवारों के आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे समय में मिड डे मील आयुक्त की ओर से आए निरीक्षण के निर्देश से अधिकारी-कर्मचारी असमंजस में हैं। दरअसल, निर्देशों की पालना में जिला कलक्टरों को टीमों का गठन करना होगा, जो दो दिनों तक स्कूलों में जाकर मिड डे मील योजना में वितरित किए जा रहे खाद्यान, मध्यान्ह भोजन तथा मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में वितरित किए जा रहे दूध का स्टॉक तथा रिकार्ड जांचेंगे। शिक्षक संगठनों ने इन आदेशों को अदूरदर्शी बताते हुए औचक निरीक्षण परीक्षाओं तथा लोकसभा चुनावों के बाद कराने की मांग की है।
विरोध में शिक्षक संगठन
शिक्षक संगठनों का कहना है कि परीक्षाओं और लोकसभा चुनावों के प्रशिक्षण के मद्देनजर संस्था प्रधानों को वैसे भी शिक्षकों की कमी महसूस हो रही है। ऊपर से औचक निरीक्षण के ऐसे आदेशों से मिड डे मील प्रभारी को व्यस्त करने से परीक्षाएं तथा प्रशिक्षण कार्य प्रभावित हो सकता है। शिक्षक अरस्तू के प्रदेशाध्यक्ष राम कृष्ण अग्रवाल ने मिड डे मील आयुक्त तथा शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजकर इन आदेशों को स्थगित करने की मांग की है।
दल में यह होंगे शामिल
जिला कलेक्टरों को दलों के गठन में अतिरिक्त जिला कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी , अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी, अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, उपखंड शिक्षा अधिकारी, विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी तथा अन्य खंड स्तरीय अधिकारियों/ कर्मचारियों को शामिल करने को कहा गया है। गौरतलब है कि लगभग सभी अधिकारी इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कहीं न कहीं व्यस्त हैं।
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