शिक्षा विभाग के अनुसार वर्ष 2023 में बच्चे की उम्र कम तो 2024 में हो गई ज्यादा, आयु गणना की तारीख में परिवर्तन से हजारों बच्चे रहेंगे प्रवेश से वंचित
श्रीगंगानगर. राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में शिक्षा सत्र 2024-25 की नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया 3 अप्रेल से शुरू हो चुकी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से नियमों में किए गए बदलाव की वजह से बड़ी संख्या में अभिभावकों की परेशानी बढ़ी गई है। शिक्षा निदेशालय ने संशोधित नियम के अनुसार आयु गणना की तारीख में बदलाव किया है। इस कारण श्रीगंगानगर व अनूपगढ़ सहित प्रदेश के हजारों बच्चे प्रवेश से वंचित हो जाएंगे।
संशोधित नियम के तहत इस बार नर्सरी और पहली कक्षा नि:शुल्क प्रवेश में दिया जा रहा है। नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा 3 साल से अधिक और 4 साल से कम होनी जरूरी है,वहीं पहली कक्षा के लिए 6 वर्ष या उससे अधिक और 7 वर्ष से कम होनी चाहिए। विद्यालय में प्रवेश के लिए बालक-बालिका की न्यूनतम व अधिकतम आयु इस वर्ष 31 जुलाई 2024 को पूर्ण होनी चाहिए। आरटीई में नि:शुल्क प्रवेश के लिए तीन से 21 अप्रेल तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।
आरटीई में प्रवेश के लिए आयु को लेकर तीन-चार अभिभावक मिले थे। इनकी आयु को लेकर समस्या थी लेकिन शिक्षा निदेशालय के स्तर पर ही 4 से 6 साल आयु वर्ग के बच्चों के ऑनलाइन आवेदन करवाने संबंधित समक्ष कार्यवाही की जा सकती है। इसमें स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग कुछ भी नहीं कर सकता -गिरजेशकांत शर्मा, डीइओ,मुख्यालय (प्रारंभिक व माध्यमिक),श्रीगंगानगर।
अभिभावकों की बढ़ी परेशानी
आयु गणना की तारीख में बदलाव के अनुसार 1 अप्रेल 2020 से 30 जुलाई 2020 के बीच जन्म लेने वाले बच्चों का आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन नहीं हो पा रहा है। पिछले साल आयु गणना 31 मार्च 2023 के अनुसार रखी गई थी, जो इस बार 31 जुलाई 2024 कर दी गई है। पिछले वर्ष कई बच्चे उम्र कम के चलते प्रवेश नहीं ले पाए तो इस वर्ष उम्र अधिक होने के कारण आवेदन से वंचित होंगे। अभिभावक सूरज कुमार का कहना है कि 2020 में अप्रेल से जुलाई के बीच जन्मे बच्चों का पिछले साल भी उम्र कम के कारण आरटीई में प्रवेश नहीं हुआ। वहीं इस बार ये बच्चे उम्र अधिक होने से प्रवेश से वंचित रहेंगे।
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