संयुक्त निदेशकों ने 31 मार्च तक नहीं भेजी पात्रता सूची, नतीजा-15 हजार वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति अटकी, मुख्य सचिव ने 31 मार्च तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने के दिए थे निर्देश, तीन सत्र से लंबित है पदोन्नति
वरिष्ठ अध्यापक से प्राध्यापक की डीपीसी लेट होगी, क्योंकि प्रदेश के 9 जोन के संयुक्त निदेशकों ने पात्र शिक्षकों की सूची नहीं भेजी। प्रत्येक संयुक्त निदेशक कार्यालय को 14 मार्च तक अपने-अपने अधीनस्थ जिलों से आपत्तियां मांगकर 21 मार्च तक निदेशालय भिजवानी थी, ताकि निदेशालय 31 मार्च से पहले पदोन्नति के लिए स्थायी कर देते। अब करीब 15 हजार व. अध्यापकों की पदोन्नति लेट होगी। पात्रता सूची नहीं भेजने पर 27 मार्च को निदेशालय के डीईओ (डीपीसी) ने सभी संयुक्त निदेशकों को लेटर भेजकर नाराजगी जताते कहा कि स्पष्टीकरण मांगा।
निदेशालय ने एक अप्रैल तक हर हाल में पात्रता सूची भिजवाने के लिए रिमांइडर लिखा है। बतादें कि डीपीसी 2021-22 से 2023-24 की होनी है। पदोन्नति केवल कुल 5 खाली पदों की 50 फीसदी ही होनी है। शेष 50 फीसदी खाली पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान है। विभाग में 3 साल की पदोत्रति लंबित है। पुरानी पदोन्नति पूरी नहीं होने पर 2024-25 की डीपीसी भी लागू होगी। ऐसे में विभाग में चार सत्रों की पदोन्नति बकाया हो गई।
47175 वरिष्ठ शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची जारी कर मांगी थी आपत्ति
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने 4 मार्च को सभी विभागों को आदेश जारी कर 31 मार्च तक सभी पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के लिए तीन वर्ष बाद 47175 वरिष्ठ शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची जारी की थी, जिस पर 14 मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी। 21 मार्च तक संयुक्त निदेशकों को अपडेट सूची निदेशालय भेजनी थी। अब तक वह सूची निदेशालय नहीं पहुंची है, जिसे लेकर निदेशालय ने रिमाइंडर भी जारी किया है।
शिक्षा विभाग जल्द करे सभी संवर्गों की पदोन्नति : रेस्टा शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद ने बताया कि सरकार को पदोन्नति के बाद खाली हुए व क्रमोत्रत हुए उमावि के करीब 25 हजार पदों को शामिल करते हुए अवकाश के दिनों में कार्यालय खुलवाकर पदोन्नति करनी चाहिए। ताकि स्कूलों में नामांकन व गुणवत्ता भी बढ़े।
डीपीसी में देरी होने से ये तीन बड़े नुकसान
1. अप्रैल में स्थानीय एवं 5वीं-8वीं बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी। ऐसे में 15 मई तक रिजल्ट घोषित करने के बाद मई में ही नया सत्र शुरू हो जाएगा। अब एक महीने में स्कूलों को प्राध्यापक मिलने मुश्किल हैं, इसलिए पढ़ाई प्रभावित होगी।
2. डीपीसी देरी से होने से कार्मिकों को पदोन्नति का फायदा भी लेट मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होगा, वहीं अन्य पदोन्नतियां भी प्रभावित होंगी।
3. हर साल अप्रैल में डीपीसी होती है। पिछले तीन सत्र के बाद अब अप्रैल को चौथे सत्र की डीपीसी बकाया हो जाएगी। इससे विभाग पर दबाव बढ़ेगा। एक साथ चार सत्र की डीपीसी करने में कई प्रक्रिया करनी पड़ती है।
वरिष्ठ अध्यापक से प्राध्यापक की डीपीसी के लिए अस्थायी पात्रता सूची जारी कर आपत्तियां मांगने के मामले में चूरू, झुंझुनूं सीकर एवं नीमकाथाना सीडीईओ कार्यालय से समय पर सूचना नहीं मिली। इसके लिए चारों सीडीईओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संयुक्त निदेशक कार्यालय की ओर से एक अप्रैल को मांगी गई सूचना भिजवा दी जाएगी। - अनुसूईया, संयुक्त निदेशक, चूरू सभाग
नए सत्र की शुरुआत तक डीपीसी पूरी होना मुश्किल
पदोन्नति में अभी आगे भी देरी होना तय है, क्योंकि वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की 2021 22, 2022-23 और 2023-24 की पदोन्नति बाकी है। ऐसे में सबसे पहले 2021-22 की डीपीसी उस सत्र के रिक्त पदों के आधार पर होगी, जिसमें करीब पांच हजार से भी ज्यादा शिक्षक 2018-19 में पदोन्नति का परित्याग करने वाले हैं। ऐसी में पूरा आर्थिक लाभ ले चुके इनमें से ज्यादातर शिक्षकों का इस बार भी स्थानांतरण से बचने के लिए पदोन्नति का परित्याग करने की पूरी संभावना है। लिहाजा उनके पद खाली रहने से रिव्यू डीपीसी और काउंसलिंग के साथ खाली पदों के लिए री-काउंसलिंग की ये प्रक्रिया तीनों वर्ष की डीपीसी में चलने पर नए सत्र की शुरुआत तक भी ये प्रक्रिया पूरी होना मुश्किल हो गया है। समय पर डीपीसी पूरी नहीं होने के कारण स्कूलों में व्याख्याताओं के पद रिक्त रहेंगे
प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक से लेकर प्राचार्य के कार्यरत व रिक्त पद
पद--------------स्वीकृत-------------कार्यरत----------रिक्त
प्राचार्य-----------17771-----------10965----------6805
व्याख्याता -------55362-----------42425---------12937
वरिष्ठ अध्यापक---91973----------66842-----------25131
चूरू जिले में 3113 स्वीकृत पदों के मुकाबले 2324 कार्यरत हैं, जबकि प्राध्यापक 1631 स्वीकृत एवं 1392 कार्यरत हैं।
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