एक माह में विद्यालयों की जीआइएस मैपिंग ही नहीं हो पाई अपडेट, सबसे कम बारां में और सबसे अधिक जैसलमेर मेंनिदेशक ने पूछी स्कूलों की भौगोलिक स्थिति, मातहत अफसरों ने आदेश हवा में उड़ाए
चूरू. कौन सा स्कूल किस जगह है और आबादी से स्कूलों की कितनी दूरी है। साथ ही स्कूलों में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्कूलों की भौगोलिक स्थिति जानने के लिए शिक्षा विभाग ने ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) अपडेट करने के लिए प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। हालत यह है कि प्रदेश के किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी ने 50 प्रतिशत भी स्कूलों की मैपिंग नहीं की। अपवादस्वरूप जैसलमेर को छोड़ कर, जिनका प्रदर्शन इस मामले में सम्मानजनक रहा है। इसके अलावा किसी अन्य जिले ने जैसे इस कार्य में कोई रुचि ही नहीं दिखाई। हालात को देख कर शिक्षा निदेशक भी खफा हैं। उन्होंने दोबारा अधिकारियों को ताकीद की है कि इस काम को व्यक्तिगत रुचि लेकर पूरा किया जाए। साथ ही चेताया भी कि अब अगर किसी शिक्षा अधिकारी ने जीआइएस अपडेट करने में लापरवाही बरती, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गौरतलब है कि एक माह पहले शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने स्कूलों की जीआइएस मैपिंग करने के निर्देश दिए थे।
इसलिए आवश्यकता
विभागीय मानदंडों के अनुसार, स्कूल की उपलब्धता, स्कूलों की बस्ती से दूरी की निगरानी, मौजूदा स्कूलों में विभिन्न सुविधाओं उपलब्धता इत्यादि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूलों की जीआइएस मैपिंग की जरूरत पड़ी। इसके लिए सभी विद्यालयों के जीआइएस निर्देशांक (अक्षांश एवं देशान्तर बिन्दु) उपलब्ध होना आवश्यक है। शाला दर्पण पोर्टल पर अधिकांश विद्यालयों के निर्देशांक स्कूल प्रोफाइल के अन्तर्गत प्रदर्शित हैं। इस सूचना को वास्तविक एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए इनको अपडेटेशन के लिए विद्यालय लॉगिन पर विद्यालय टैब के अन्तर्गत एक मॉड्यूल प्रारम्भ किया गया है। इस मॉड्यूल में विद्यालयों की सूचना दर्ज करनी थी।
दो फीसदी से भी कम रहा कई जिलों का प्रदर्शन
जीआईएस मैपिंग के निर्देशों को जिला शिक्षा अधिकारियों ने कितनी गंभीरता से लिया, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई जिलों में तो मैपिंग का प्रतिशत दो अंकों तक भी नहीं पहुंचा। सबसे खराब स्थिति यह है कि कई स्कूल दो फीसदी से नीचे ही मैपिंग कर पाए। इन्हीं हालात को देख कर निदेशक नाराज दिखाई दिए।
मैपिंग में जैसलमेर अव्वल, चूरू फिसड्डी
स्कूलों का जीआइएस अपडेट करने में सीमावर्ती जैसलमेर जिला अव्वल रहा है।
इस जिले में स्कूल दूर-दूर ढाणियों में स्थित हैं। फिर भी जैसलमेर के शिक्षा अधिकारियों ने निदेशक के आदेशों के अनुसार, सबसे अधिक स्कूलों की जीआइएस मैपिंग कराने में रुचि दिखाई है। इस जिले में 43.42 प्रतिशत स्कूलों की मैपिंग की गई है। वहीं चूरू जिला इस मामले में फिसड्डी ही साबित हुआ है।
अभ्यर्थियों को होती है परेशानी
दरअसल, सरकारी स्कूलों को ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए केन्द्र बनाए जाता है। परीक्षा देने के लिए दूसरे जिलों से आने वाले अभ्यर्थियों को केन्द्र ढूंढने में अक्सर दिक्कत होती है। अगर स्कूलों की जीआइएस हो जाएगी, तो अभ्यर्थियों को मोबाइल पर क्लिक करके ही स्कूलों का पता चल सकेगा।
कहां कितने प्रतिशत हुई मैपिंग
जिला----स्कूलों की संख्या--- अपडेट की गई सूचना------- प्रतिशत
अजमेर ---1844 -------------141------------------- 7.65
अलवर---- 2788----------- 150 --------------------5.38
बांसवाड़ा ---2613----------- 170 --------------------6.51
बारां -------1234 ----------18 -----------------------1.46
बाड़मेर------ 4903 --------413---------------------- 8.42
भरतपुर -----1753--------- 32 ----------------------8.83
भीलवाड़ा--- 2845 -------339 ----------------------11.92
बीकानेर --2124------- 101 ---------------------------4.76
चितौड़गढ़ --1783 -----142-------------------------- 7.96
चूरू------ 1428 -----174-------------------------- 12.18
दौसा ----1478----- 107----------------------------- 7.24
धौलपुर-- 1122 ----88 ---------------------------------7.84
डूंगरपुर--- 2213- 40 -----------------------------------1.81
फैक्ट फाइल
- 4.78 फीसदी रही बीकानेर में स्कूलों की मैपिंग
- 02 फीसदी के आसपास भी रहा कई स्कूलों का प्रदर्शन
- 02 अंकों तक यानी दस फीसदी का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए कई स्कूल
- 43.42 फीसदी मैपिंग के साथ जैसलमेर रहा अव्वल
- 1.46 फीसदी मैपिंग के साथ बारां रहा सबसे फिसड्डी
- 8.87 फीसदी रही पूरे राजस्थान में मैपिंग
- 65423 स्कूल हैं राज्य में
- 5805 स्कूलों में ही हो पाया है जीआईएस
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