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शनिवार, 13 अप्रैल 2024

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त: बेरोजगार देख रहे रोजगार की राह सरकारें आई और गई, लेकिन शिक्षा का ढर्रा सुधार न पाई यह है रिक्त पदों की स्थिति



 सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त: बेरोजगार देख रहे रोजगार की राह सरकारें आई और गई, लेकिन शिक्षा का ढर्रा सुधार न पाई यह है रिक्त पदों की स्थिति

बांसवाड़ा/डूंगरपुर . समय-समय पर आने वाली सरकारें शिक्षा को बढ़ावा देने के दावों के साथ चुनाव जीत कर आती हैं। लेकिन, चुनाव जीतने के साथ ही सबसे पहले शिक्षा के लिए किया गया वादा ही बिसरा दिया जाता है। स्थितियां यह है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत ही प्रदेश में करीब डेढ़ लाख पद रिक्त पड़े हैं। बेरोजगार इंतजार में हैं कि आखिर कब यह सारे रिक्त पद भरेंगे और विद्यार्थी भी अपने भविष्य निर्माण को लेकर बाट जोह रहे हैं। प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य से लेकर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के पद रिक्त होने से विद्यालयों की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं। कई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिना व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के विद्यार्थी लगातार दो सत्र से परीक्षाएं दे रहे हैं। विद्यार्थियों की गुणात्मक शिक्षा पर इसका खासा असर पड़ा है।

यह है पदों का गणित

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक संवर्गों के कुल 76 संवर्गों में तीन लाख 58 हजार 509 पद स्वीकृत हैं। जबकि, एक लाख 43 हजार 166 पद रिक्त हैं। विभाग ने अधिकांश पदों पर चयन के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन होना बताया है। वहीं, विभिन्न संवर्गों में पदोन्नति भी प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख पद रिक्त है। ऐसे में समय पर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है, तो बेरोजगारों को भी अधिक से अधिक अवसर मिलेंगे।

अधिकारी ने कहा...

विभिन्न पदों की पदोन्नति निदेशालय स्तर पर प्रक्रियाधीन है। प्रक्रिया सम्पन्न होते ही विद्यालयों में रिक्त पद भरते जाएंगे। - रणछोड़लाल डामोर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी

 

बेरोजगारों का दर्द...
देश में सरकार ने 2009-10 से आरटीई लागू कर दिया है। लेकिन, इसके प्रावधान के अनुरुप रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है और नहीं अधिनियमों की पालना में पद सृजित किए जा रहे हैं। बेरोजगारी ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह सरकारी विद्यालयों में वर्ष दर वर्ष नामांकन भी बढ़ रहा है। लेकिन, भर्तियां आती भी है, तो ऊंट के मुंह में जीरे की कहावत को चरितार्थ करती हैं। शिक्षा जगत में सबसे बड़ा कुठाराघात हो रहा है। प्रशिक्षित बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। सरकारों को समय पर आरटीई अनुरुप पद सृजित कर भर्तियां करनी चाहिए। - दीप्ति जैन व रूपल जैन

शिक्षक नेताओं की राय
सभी संवर्गों में विभागीय पदोन्नति और सीधी भर्ती से रिक्त शैक्षणिक पदों को अविलम्ब भरना चाहिए। अभिभावकों और विद्यार्थियों में सरकारी विद्यालयों के प्रति जो रूझान बना है वह दीर्घकालीन बना रह सके। पद भरे होने से नामांकन में वृद्धि होगी।- प्रवीण भट्ट, रेसला जिलाध्यक्ष डूंगरपुर

शिक्षा विभाग में समय पर पदोन्नतियां नहीं होने से विद्यालयों में विशेषकर व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों के पद रिक्त हैं। इससे न केवल शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं। अपितु, परीक्षा परिणाम भी गुणात्मक दृष्टि से प्रभावित हो रहे हैं।- डा. ऋषिन चौबीसा, प्रदेश उपाध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय 

 

पदनाम--- स्वीकृत---- कार्यरत -----रिक्त

प्रधानाचार्य-- 17153-- 11112-- 6041

उप प्राचार्य -12414--- 1187--- 11227

व्याख्याता-- 55081 --33860 --21121

वरिष्ठ अध्यापक-- 85468-- 52364-- 33104

अध्यापक --98446-- 69174 ---29272

शा.शिक्षक ग्रेड-2 --4029 --1919-- 2110

शा.शिक्षक ग्रेड-3 --10893 --8998 --1895

वरिष्ठ सहायक-- 5667-- 3768-- 1899

कनिष्ठ सहायक --12544 --9241 --3303

चतुर्थ श्रेणी कर्म --27294 --6477--- 20817

कम्प्यूटर अनुस्थित --9862 --5276-- 4586

लाईब्रेरियन ग्रेड 3 --2991 --1965 --1026

लेब सहायक --4225 --3255--- 970

लेब परिचारक-- 1470 --267--- 1203

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