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सोमवार, 8 अप्रैल 2024

सरकारी और गैर सरकारी शिक्षा क्षेत्र के सुधार की बनें सशक्त नीति



 सरकारी और गैर सरकारी शिक्षा क्षेत्र के सुधार की बनें सशक्त नीति


सुजानगढ़. सरकार और गैर सरकारी शिक्षा क्षेत्र में सुधार की सशक्त नीति बने, व्यवसायिक शिक्षा का विकास होने के साथ नव रोजगार सृजन के मार्ग खुले और परिवहन का सर्वागीण विकास हो तो बात बने। यह कहना है कि उन युवाओं का जो लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने को उत्सुक हैं। पत्रिका यूथ टॉक में उत्साह से भाग ले रहे युवा मतदाताओं का कहना था कि बहुत हो चुकी है जातिवादी राजनीति, एक ओर हम दुनियां की ताकत बनने का ख्वाब देख रहे तो दूसरी ओर जातिवाद की बात करते हैं तो यह बेमानी है। क्योंकि भारत को शक्ति सपंन्न बनना है तो हमें राजनीति में शुचिता रखनेवाली सरकार को चुनना होगा। उनका कहना था कि वे ऐसे प्रतिनिधि को चुनना चाहेंगे जो विकास की बात करें और राजनीति को लोक सेवा का माध्मम बनाएं।

आईटी सेक्टर का विकास जरूरी

युवा मतदाताओं ने एक देश एक चुनाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह प्रतिस्पर्द्धा का दौर है। नेट, जेआरएफ, यूपीएससी, एसएससी, आईटी की प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत कम संख्या में युवा चयनित होते हैं। इससे युवाओं में निराशा पैदा होती है।आरक्षण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आवेदन करने वाले छात्र-छात्राएं अवसाद के शिकार हो रहे हैं। दूसरी ओर कोई उद्योग नहीं होने से बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की कृषि में अरुचि से बेरोजगारी की रफ्तार को थामने के लिए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इसलिए आई सेक्टर का विकास होना चाहिए।

गांव से निकलेगी देश के विकास की राहगांव आबसर की अनीता व पूजा कीलका कहती है कि गांव के विकास से देश के विकास की राह निकलती हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को यह जानने का समय ही नहीं है कि गांव की आवश्यकताएं क्या हैं। रोडवेज, बिजली जैसी व्यवस्था तक सुदृढ़ नहीं हैं तो फिर क्या बात की जाए। इसकेलिए सरकारी तंत्र को दुरस्त करने की आवश्यकता है तो सरकारी और निजी क्षेत्र को विकसित करना जरूरी हैं। गांव में चिकित्सा सुविधा हो, स्कूलों में सभी फक्लटी का होना भी जरूरी हैँ।

स्कूली शिक्षा और सुविधा का विस्तार जरूरी

कंचन नाई व गीता चौधरी कहती है कि वे पहली बार मतदान करेंगी वह भी इसलिए कि स्कूल में शिक्षा का विस्तार और सुविधाओं का विकास हो। पीने का मीठा पानी मिले, खेतों को पानी व बिजली मिले, गांव में रोजगार सृजन का मार्ग खुले तो निश्चित रूप से भारत दुनियां की बड़ी ताकत बन सकता हैं। गांव में स्कूल या अस्पताल है तो स्टाफ नहीं है तो सांसद को यह जानना चाहिए कि गांव व ग्रामीणों के क्या हालात हैं।

युवा सलमान का कहना है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल या उम्मीदवारों की ओर से बड़े-बड़े वायदे किए जाते हैं जिनको वे जीतने के बाद भूल जाते हैं। राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र धरातल पर नजर नहीं आते। इसे लेकर कानून बनना चाहिए। घोषित वायदो की समय सीमा तय होने चाहिए। सभी चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। ताकि पैसे व समय की बर्बादी रुके।

प्रगति की आधारशिला शिक्षा

करन प्रजापत चाड़वास की का कहना है कि शिक्षा प्रगति और समृद्धि की आधारशिला है। प्रदेश के हर विद्यार्थी को सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना गुणवत्तापूर्वक शिक्षा मिलनी चाहिए। परीक्षा प्रणाली में सुधार होना चाहिए। प्राइवेट स्कूलों कॉलेज की फीस व अन्य वसूली पर रोक की सख्ती होनी चाहिए।

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