क्या समायोजन प्रक्रिया पूरी हो सकेगी? मुख्य विवाद बिंदुओं पर एक नजर
उत्तर: समायोजन प्रक्रिया के पूर्ण होने की संभावना कई बिंदुओं पर निर्भर करती है। यदि मुख्य बिंदुओं पर विवाद जारी रहा, तो समायोजन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकती। इसके अलावा, लंबित HTUPS पदोन्नति और TET विवाद भी इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
पदोन्नति में आरक्षण: अधिकतर जिलों में जनपदीय वरिष्ठता सूची में विवाद हैं, जिनके संबंध में न्यायालय में वाद विचाराधीन है। इस कारण से वर्षों से HTUPS पद पर पदोन्नति में अड़चनें आई हैं। यदि वरिष्ठता को लेकर विवाद हल नहीं होता, तो समायोजन प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।
समायोजन का फार्मूला: रातों-रात वरिष्ठता तय करके कनिष्ठ शिक्षकों का समायोजन करने का कोई स्पष्ट फार्मूला नहीं है। यदि इस बिंदु पर संघर्ष जारी रहता है, तो या तो आम सहमति वाली वरिष्ठता सूची जारी की जाएगी और पदोन्नति संभव होगी, या फिर समायोजन प्रक्रिया को पुनः ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है।
TET और नॉन-TET विवाद: यदि सरप्लस HTPS को ATUPS पद पर समायोजित किया जाता है, तो यह तय करना आवश्यक होगा कि प्राइमरी शिक्षकों को बिना जूनियर TET के समायोजित किया जा सकता है या नहीं। यदि ऐसा होता है, तो उनकी पदोन्नति भी प्रभावित हो सकती है।
अन्य मुद्दे: छात्र संख्या का आधार, कनिष्ठ का समायोजन, वरिष्ठता का निर्धारण आदि पर भी विवाद जारी रह सकता है।
इस प्रकार, समायोजन के दूसरे चरण की प्रक्रिया सरल नहीं होगी। हालांकि, यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो समाधान संभव है।
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