शाहजहांपुर: शिक्षकों के लिए परस्पर तबादले की नई उम्मीद, लेकिन चुनौती भी बनी रहेगी
शाहजहांपुर में एक जिले से दूसरे जिले में शिक्षकों के परस्पर तबादले का शासनादेश जारी होने के बाद शिक्षकों में खुशी का माहौल है। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि यहां से जाने वाले शिक्षकों के मुकाबले आने वाले शिक्षकों की संख्या कम रहने की संभावना है, जिससे सभी शिक्षकों को इसका लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है।शाहजहांपुर जिले में कुल 2718 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें करीब दस हजार शिक्षक अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। विभाग के मुताबिक, जिले में लगभग 2500 से 3000 शिक्षक-शिक्षिकाएं अन्य जिलों से आकर यहां शिक्षण कार्य कर रहे हैं, जबकि दूसरे जिलों में शाहजहांपुर से गए शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत कम है।
परस्पर तबादले के लिए दोनों जिलों के शिक्षकों को आपस में समन्वय स्थापित करना होगा, जिसके बाद वे आवेदन करेंगे। नियमानुसार, तबादला प्रक्रिया तभी संभव होगी जब दोनों जिलों के शिक्षक आपस में समन्वय करके आवेदन करेंगे। इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद ही शिक्षकों के तबादले की संभावना बन सकेगी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार तिवारी के अनुसार, शाहजहांपुर से अन्य जिलों में जाने वाले शिक्षकों की संख्या अधिक है, जबकि नोएडा और गाजियाबाद जैसे जिलों से आने वाले शिक्षकों की संख्या बहुत कम है, जिससे परस्पर तबादला की प्रक्रिया को लाभकारी बनाना कठिन होगा।
बीएसए दिव्या गुप्ता ने बताया कि शासनादेश प्राप्त होते ही जल्द ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी, जिससे शिक्षक-शिक्षिकाएं इसका लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि परस्पर तबादला प्रक्रिया के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो सीडीओ की अध्यक्षता में कार्य करेगी। तबादला चार श्रेणियों में होगा: सहायक अध्यापक (प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय), प्रधानाध्यापक (प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय), सहायक अध्यापक (उच्च प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय), और यदि विषय एक जैसा हो तो तबादला किया जाएगा।
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