यूपी बोर्ड की परीक्षा 2022 15 मार्च के बाद, मदरसों में चलेंगी प्री-प्राइमरी कक्षाएं
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड ने राज्य के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलेंगी। इसके लिए के.जी.(किंडर गार्डन) की तर्ज पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। नवगठित मदरसा बोर्ड की बुधवार को होने वाली बैठक में इस पर निर्णय होगा। इसी बैठक में बेसिक शिक्षा की तर्ज पर कुछ मदरसों में पूरी तरह इंगलिश मीडियम की पढ़ाई शुरू करने पर भी फैसला हो सकता है।
बोर्ड के सूत्रों के अनुसार अगले साल यूपी मदरसा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं विधान सभा चुनाव खत्म होने के बाद यानि 15 मार्च के बाद उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की हाईस्कूल व इण्टरमीडियट की परीक्षाओं के साथ ही करवाए जाने पर विचार किया जा रहा है।ऐसा इसलिए भी ताकि मदरसा बोर्ड के परीक्षार्थी साथ-साथ हाईस्कूल व इण्टरमीडियट की परीक्षा न दे सकें। पूर्व में कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें मदरसों के परीक्षार्थी मदरसा बोर्ड की परीक्षा के साथ उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में भी बैठे और दोनों बोर्ड की परीक्षाएं उत्तीर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त किये और इन प्रमाण पत्रों का बेजा इस्तेमाल किया।
बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार जावेद ने कहा कि उनका पूरा प्रयास मदरसों की शिक्षा का आधुनिकीकरण किये जाने पर है। इसीलिए मदरसों की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक विषयों के साथ सूचना प्रौद्योगकी औार तकनीक से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में मदरसा शिक्षण को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए स्मार्ट क्लास, आधुनिक प्रयोगशाला, ई-बुक, ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं को अपनाए जाने पर भी बोर्ड की बैठक में निर्णय लिये जा सकते हैं।
यूपी मदरसा बोर्ड को किसी भाषा वि.वि.या संस्थान से जोड़ते हुए मान्यता या सम्बद्धता के बारे में बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि इस पर विचार होगा। बताते चले कि यूपी मदरसा बोर्ड के मुंशी, मौलवी, आलिम, फाजिल, कामिल आदि पाठ्यक्रमों की किसी वि.वि.या संस्थान से मान्यता न होने की वजह से इन परीक्षाओं को पास करने वाले छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्रों को नौकरियों में कोई अहमियत नहीं दी जाती।
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