बीटेक छात्र ने बनाई कमाल की ऐप, एक साल में की 18 लाख रुपये की कमाई
कोरोना काल में जहां बड़ी संख्या में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, वहीं एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलाजी विभाग से बीटेक करने वाले युवा इंजीनियर हिमांशु चौरसिया ने आपदा को अवसर में बदला। हिमांशु ने अपनी बीटेक पढ़ाई के दौरान ही ‘को-ग्रेड’ नाम से स्टार्टअप बनाया। कोविड के दौरान स्कूल बंद हो गए तो कक्षाएं चलाना चुनौती थी। ऐसे में अपने एप के माध्यम से कक्षा एक से बारहवीं तक के छात्रों को डिजिटल शिक्षा का एक उम्दा प्लेटफार्म तैयार किया। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने का बीड़ा उठाया। इस तरह स्टार्टअप के जरिए वर्ष 2021 में 18 लाख रुपये की कमाई की।
हिमांशु ने बताया कि गांव और दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कमजोर होता है और इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं होती लेकिन यह एप इंटरनेट के कमजोर नेटवर्क में भी काम करने में सक्षम है। इस एप में मौजूद पाठ्य सामग्री (स्टडी मैटेरियल्स) लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। फर्रूखाबाद निवासी हिमांशु चौरसिया ने वर्ष 2017 में एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलॉजी ब्रांच में बीटेक में प्रवेश लिया। हिमांशु ने 2021 में पाठ्यक्रम पूरा किया। बीटेक में अध्ययन के दौरान हिमांशु ने तब एनआईटी भुनेश्वर (उड़ीसा) से बीटेक कर रहे सौरभ यादव के साथ वर्ष 2019 में को-ग्रेड स्टार्टअप को लांच किया।
को-ग्रेड स्टार्टअप एप से 15 राज्यों के 25 हजार छात्र जुड़े
इस स्टार्टअप से देश के 15 राज्यों से 25 हजार से ज्यादा छात्र जुड़े हैं। इसके साथ एप के माध्यम से शिक्षकों को डिजिटल स्कूल चलाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। हिमांशु ने कहा कि को-ग्रेड स्टार्टअप का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करना है। शिक्षा में गुणवत्ता की कमी को दूर करना, नवाचार लाने के क्षेत्र में काम किया गया। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप की ओर से नवीन शिविरों का आयोजन शुरू किया गया है। जहां एयरोमॉडलिंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि सिखाया जा रहा है।
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