दिल्ली विश्वविद्यालय में ई लर्निंग के लिए बनेगा डिजिटल प्लेटफार्म
दिल्ली विश्वविद्यालय ई लर्निंग के लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म बनाने की तैयारी कर रहा है। इसकी मदद से किसी आपदा के समय भी छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। योजना के लिए सात कॉलेजों व एक विभाग को जल्द 5-5 लाख रुपये की राशि वीडियो साउंड प्रूफ लैब बनाने के लिए जारी होगी। विगत वर्ष अगस्त माह में इसके लिए समिति भी बन चुकी है जिसकी कई बैठकों के बाद कॉलेजों से उनके यहां डिजिटल वीडियो लैब शुरू करने की योजना है। जिसमें शिक्षण के ऑडियो वीडियो कंटेट रिकार्ड किए जाएंगे और उनको एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। जिससे डीयू के छात्र कोविड या किसी भी आपदा के तहत कक्षा नहीं ले पा रहे हैं तो उसका उपयोग कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि इस तरह की एक पहल शिक्षा मंत्रालय द्वारा मैसिव ऑनलाइन कोर्स के रूप में की जा रही है। डीयू ने दिल्ली यूनिवर्सिटी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट फॉर कॉलेज एंड डिपार्टमेंट नाम से इसके लिए समिति बनाई है। समिति के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा का कहना है कि जल्द ही चयनित कॉलेजों व विभाग के लिए उपकरण हेतु धनराशि जारी की जाएगी। यह कार्य इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग डिपार्टमेंट कॉलेज व विभागों के सहयोग के साथ करेगा और उनको इस दिशा में प्रशिक्षित भी करेगा।इस समिति के सदस्य और महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो.संजीव तिवारी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए मेरा कॉलेज भी चयनित है। 20 जनवरी तक हमें वीडियो लैब संबंधित जानकारी भेजनी है। हमारे यहां साउंड प्रूफ लैब के लिए टेंडर भी जारी हो गया है।
इसके माध्मय से छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। डीयू का इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग (आईएलएलएल) इसके लिए एक नोडल संस्थान है। इसका काम केवल मूलभूत सुविधाएं विकसित करना ही नहीं बल्कि उन सुविधाओं को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी होगा।
सीबीसीएस पाठ्यक्रमों की होगी रिकार्डिंग
एक अन्य सदस्य का कहना है कि इसके माध्मय से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के कोर्स की वीडियो रिकार्डिंग होगी। बहुत संभावना है कि उसे यूट्यूब या किसी अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर डाला जाए ताकि देश भर के बच्चों के लिए यह कारगर हो सके।
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