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बुधवार, 19 जनवरी 2022

RRB NTPC Result : रेल मंत्रालय ने आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट पर दी सफाई, अभ्यर्थियों के इन 7 सवालों का दिया जवाब

 


RRB NTPC Result : रेल मंत्रालय ने आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट पर दी सफाई, अभ्यर्थियों के इन 7 सवालों का दिया जवाब

RRB NTPC Result 2022 : रेल मंत्रालय ने आरआरबी एनटीपीसी में 35 हजार भर्तियों को लेकर सोशल मीडिया के एक वर्ग में आ रहीं कथित भ्रामक खबरों पर सिलसिलेवार ढंग से सफाई देते हुए कहा कि इससे किसी भी उम्मीदवार के लिए प्रतियोगिता के अवसर कम नहीं हुए हैं और ना ही किसी का कोई नुकसान हो सकता है। रेल मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक बयान में कहा कि दूसरे चरण में कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को 28 फरवरी 2019 को प्रकाशित अधिसूचना में विस्तार से बताया गया था। 

13 कैटेगरी के पद स्नातकों और छह श्रेणियों के पद 12वीं पास लोगों के लिए अधिसूचित किये गये थे। इन 13 श्रेणियों के पद सातवें वेतन आयोग के वेतनमान में पांच समूहों ( लेवल 2, 3, 4, 5, 6) में वर्गीकृत किये गये थे और हर वर्ग के लिए हर चरण की प्रक्रिया भी केन्द्रीयकृत रोजगार अधिसूचना में बतायी गयी है। प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी योग्यता के अनुसार तेरह श्रेणियों में सभी या किन्हीं श्रेणियों को चुनने की आजादी दी गयी है। परिणाम के बारे में भी प्रावधान दिये गये हैं।

1. सीबीटी-1 सिर्फ क्वालिफाई के लिए था, 20 गुना अभ्यर्थियों का चयन क्यों नहीं?

सोशल मीडिया में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की गयी है कि रेलवे बोर्ड ने अधिसूचना में कहा था कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा का पहला चरण केवल अर्हता परीक्षा होगी और कंप्यूटर आधारित परीक्षा के दूसरे चरण के लिए पदों की संख्या से 20 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। इस पर रेलवे ने कहा कि पहले चरण की परीक्षा सबके लिए समान होगी जबकि अधिसूचना के नियम 13.2 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हर समूह के लिए अलग से परीक्षा ली जाएगी और उनमें कठिनाई का स्तर भी पद के अनुरूप अलग अलग होगा। इसके अनुसार दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में एक स्तर में वर्गीकृत किये गये सभी पदों के लिए एक ही परीक्षा होगी। अत: यदि एक उम्मीदवार योग्य है और उसने एक से अधिक स्तरों पर परीक्षा देने का विकल्प चुना है, तो उसे अलग अलग परीक्षाएं देनी होंगी। इन परीक्षाओं के लिए कठिनाई का स्तर भी अलग अलग होगा।

 2. सात लाख उम्मीदवारों की बजाय सात लाख रोल नंबरों का चयन क्यों?

सोशल मीडिया में तर्क दिया जा रहा है कि रेलवे भर्ती बोर्ड को दूसरे चरण की परीक्षा के लिए सात लाख उम्मीदवारों का चयन करना चाहिए था, ना कि सात लाख रोल नंबरों का। इस पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि ऐसा कहीं नहीं कहा गया था कि दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में उम्मीदवारी के लिए सात लाख व्यक्तियों को चुना जाएगा। चूंकि दूसरे चरण में पांच स्तर हैं और एक उम्मीदवार उसकी योग्यता एवं चुने गये विकल्प एक से अधिक स्तरों के लिए चुना जा सकता है और इसलिए सात लाख रोल नंबरों की सूची में कुछ नाम एक से अधिक सूचियों में होंगे।

 3. अधिसूचित रिक्तियों के स्तर/पद के हिसाब से चयनितों की लिस्ट बनाई गई

सोशल मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रेलवे भर्ती बोर्ड ने अधिसूचित रिक्त पदों से केवल चार या पांच गुना उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए चुना है। इस पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि अधिसूचना के पैरा 13 के अनुसार अधिसूचित रिक्तियों के स्तर/पद के हिसाब से सूचीकरण किया गया है। इन सूचियों में लगभग 7 लाख रोल नंबर हैं जो लगभग 35000 की अधिसूचित रिक्तियों का 20 गुना है।

4. 'पहले एक पद के लिए 10 प्रत्याशी, अब 10 पद के लिए एक' के प्रश्न का जवाब

एक सवाल यह है कि एक पद के लिए दस प्रत्याशी थे अब 10 पदों के लिए एक प्रत्याशी संघर्ष करेगा। इस पर रेलवे का कहना है कि अंतत: लगभग 35000 अलग-अलग उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा और योग्यता एवं वरीयता के आधार पर केवल एक पद के लिए एक उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी। अतः कोई पद खाली नहीं रहेगा।

5. कुछ उम्मीदवारों को एक से अधिक लेवल पर सफल क्यों घोषित किया गया?

एक मुद्दा यह उठाया गया है कि कुछ उम्मीदवारों को एक से अधिक स्तरों पर योग्य घोषित किया गया है। इस पर रेलवे ने कहा कि चूंकि प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग कठिनाई ग्रेड के साथ द्वितीय चरण सीबीटी होगा, एक उम्मीदवार जिसे उच्च स्तर के पद के लिए चुना गया है, उसे निचले स्तर की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में उपस्थित होने से वंचित नहीं किया जा सकता है बशर्ते उम्मीदवार योग्यता में आ रहा है। 

6. रेलवे ने बताया कटऑफ क्यों रही ज्यादा

कट ऑफ बहुत ज्यादा होने के मुद्दे पर रेलवे बोर्ड ने कहा है कि कट ऑफ को सामान्यीकृत अंकों के आधार पर तैयार किया गया है जो सामान्य रूप से रॉ स्कोर से अधिक होते हैं। कट ऑफ उस स्तर/पद के लिए अधिसूचित रिक्तियों की संख्या पर भी निर्भर करता है। चूंकि लगभग 35000 वैकेंसी में से 12वीं पास उम्मीदवारों के लिए सभी 21 रेलवे भर्ती बोर्डों में लगभग 10,500 रक्तियिां अधिसूचित की गई हैं, जहां स्नातक उम्मीदवार पात्र हैं वहां 12वीं पास वाले पदों के लिए कट ऑफ सामान्य स्कोर के आधार पर स्नातक उम्मीदवारों की तुलना में अधिक रहा है।

7. क्या 12वीं लेवल की तुलना में ग्रेजुएट लेवल को मिल ज्यादा लाभ?

सोशल मीडिया में यह तर्क भी दिया गया है कि स्नातक एवं 10+2 स्तर के पदों के लिए पात्र होने का अनुचित लाभ स्नातक अभ्यर्थियों को मिल रहा है। अगर पहले की तरह स्नातक और 10+2 स्तर के पदों के लिए अलग-अलग अधिसूचनाएँ होतीं, तो उन्हें दो अलग-अलग परीक्षाओं में सफल होना होता। इस पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि समय और ऊर्जा बचाने के लिए स्नातक और 10+2 स्तर के पदों के लिए भर्तियों का एकीकरण किया गया है। पर इसके साथ ही प्रथम चरण वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षा के मानकों को 10+2 स्तर के स्तर पर रखा गया है ताकि 10+2 स्तर के छात्रों को नुकसान न हो और केवल दूसरे चरण वाली परीक्षा में ही स्तर अलग-अलग होंगे।रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी प्रकार के बहकावे में नहीं आयें और मन से परीक्षा में शामिल हों। 

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