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गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

यूपी बोर्ड परीक्षा : दागदार शिक्षकों पर कसेगा शिकंजा, तैयार हो रही कुंडली

 

यूपी बोर्ड परीक्षा : दागदार शिक्षकों पर कसेगा शिकंजा, तैयार हो रही कुंडली

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए अब शिक्षा विभाग ने दागदार शिक्षकों की कुंडली तैयार करनी भी शुरू कर दी है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में केंद्रों पर इस बार योग्यता के आधार पर ही कक्ष निरीक्षक व पर्यवेक्षक बनाएं जाएंगे। अगर किसी शिक्षक पर पहले नकल कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज है तो ऐसे गुरुजी इस बार कक्ष निरीक्षक नहीं बन सकेंगे। बोर्ड ने विभाग को जल्द ही शिक्षकों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर इस बार कई बड़े बदलाव हुए है। परीक्षा केंद्रों से लेकर कक्ष निरीक्षकों व पर्यवेक्षकों समेत सभी का निर्धारित बोर्ड ऑनलाइन कर रहा रहा है। इस संबंध में बोर्ड स्कूलों से शिक्षकों का डाटा भी मांग चुका है। बोर्ड ने अब ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची मांगी है, जिनपर पूर्व में परीक्षा को लेकर दाग लग चुके हैं। अफसरों को पूर्व में हुई बोर्ड परीक्षा के संबंध में शिक्षकों के चरित्र को लेकर भी बोर्ड को जानकारी देनी होगी। ताकि परीक्षा का संचालन नकलविहीन तरीके से हो सके। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाह और नकल गतिविधियों में संलिप्त रहे शिक्षकों को इस बार कक्ष निरीक्षक नहीं बनाया जाएगा। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं विधानसभा चुनाव के बाद मार्च के अंत में प्रस्तावित है। परीक्षा के लिए जिले में 58 केंद्र निर्धारित हुए है, जिनपर 37520 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। डिबार कालेजों को पहले ही केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। सभी केंद्रों की आनलाइन निगरानी की जाएगी। इसके लिए जिला मुख्यालय पर निगरानी कक्ष भी बनेगा।

अयोग्य रहेंगे कापी जांचने की जिम्मेदारी से बाहर

बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान कई बार अयोग्य शिक्षकों को कापी जांचने की जिम्मेदारी देने की शिकायतें आती है। जिससे विभाग के कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़ा होने लगता है। गणित के शिक्षक को सामाजिक विज्ञान व हिंदी के शिक्षक को अलग विषय की कापी जांचने की जिम्मेदारी मिल जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षक को जिले के समस्त 152 राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की सूची शैक्षिक विवरण के साथ मांगी है। इसी के आधार पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

बोर्ड इस बार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में नकल रोकने को लिए लगातार कदम उठा रहा है। बोर्ड के आदेशों के तहत ही जिले में तैयारी हो रही है। पूर्व में जिन शिक्षकों पर आरोप लगे हैं, उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।- डॉ. धर्मवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक




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