अब लखनऊ विश्वविद्यालय बनेगा डिजिटल, वर्चुअल लैब से लेकर टीवी चैनल तक की योजना
केंद्रीय बजट में एक डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा होने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय को और डिजिटल रूप में तैयार करने के लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने वरिष्ठ शिक्षकों को 16 फरवरी तक डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए लवि के योगदान, ई-लैब, वर्चुअल लैब, ई-कंटेंट, वन टीवी वन चैनल से लेकर डिजिटल टीचर के संबंध में अपनी रिपोर्ट और प्रस्ताव देने के लिए कहा है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय डिजिटल यूनिवर्सिटी के रूप में किस प्रकार से सबसे पहले अपना योगदान दे सके, इस पर चर्चा की गई है। विश्वविद्यालय ई-कंटेंट पर पहले से काम कर चुके हैं। कैसे और गुणवत्तापरक ई-कंटेंट तैयार किए जाएं, डिजिटल टीचर की संकल्पना कैसे क्रियान्वित की जाए ? लैब को किस प्रकार से वर्चुअल माध्यम से चलाया जा सके। इन सबके लिए अलग-अलग शिक्षकों को प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
लवि में बनेगी बौद्विक संपदा सेल : कुलपति ने बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय में बौद्विक संपदा सेल स्थापित की जाएगी। इसके माध्यम से यह देखा जाएगा कि वेबसाइट पर जो ई-कंटेंट हम दे रहे हैं, वह कैसा है। छात्र-छात्राओं के लिए कितना लाभकारी है ? ई-कंटेंट में साहित्यिक चोरी भी बड़ा मुद्दा होता है, इस पर भी सेल नजर रखेगी। गौरतलब है कि लवि पहला विश्वविद्यालय है जिसने सबसे पहले नई शिक्षा नीति लागू की। हाल ही में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को कई राज्यों में इसे क्रियान्वित कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी : वर्चुअल लैब के प्रस्ताव के लिए प्रो. अनिल मिश्रा, डिजिटल टीचर के लिए डीएसडब्ल्यू प्रो. पूनम टंडन, वन टीवी वन चैनल और ई-कंटेंट के लिए डीन रिसर्च प्रो. राजीव पांडेय और डिजिटल यूनिवर्सिटी के संबंध में योगदान के लिए प्रस्ताव एप्लाइड इकोनामिक्स की विभागाध्यक्ष प्रो. रचना मुज्जू को देने के लिए कहा गया है।
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