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मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

Nursery Admission 2022: निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस की सीटें बड़े पैमाने पर खाली, फिर मिलेगा दाखिले का मौका



 Nursery Admission 2022: निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस की सीटें बड़े पैमाने पर खाली, फिर मिलेगा दाखिले का मौका

Delhi Nursery Admission 2022 : कम आयवर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूह और दिव्यांग बच्चों को राजधानी के निजी स्कूलों में बड़े पैमाने पर खाली सीटों पर दाखिले के लिए एक बार फिर से आवेदन करने का मौका मिलेगा। उच्च न्यायालय ने शिक्षा निदेशालय को ईडब्ल्यूएस, वंचित समूह और दिव्यांग बच्चों के लिए आरक्षित सभी सीटों पर दाखिला देने के लिए आवेदन मंगाने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया है कि निजी स्कूलों में इस श्रेणी की करीब 44 हजार सीटें खाली हैं और इस आदेश के बाद इन सीटों पर दाखिला होगा।जस्टिस राजीव शकधर और तलवंत सिंह की पीठ ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 में इस श्रेणी की खाली सीटों पर दाखिला देने के लिए छात्रों से आवेदन मंगाने के लिए 15 दिन के भीतर विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। पीठ ने नर्सरी कक्षा में दाखिले की मांग को लेकर एक दलित बच्ची की ओर से अधिवक्ता खगेश झा और शिखा बग्गा द्वारा दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। उन्होंने याचिका में बताया कि सीटें खाली होने के बाद भी स्कूल दाखिला नहीं दे रहे हैं।

अधिवक्ता खगेश झा ने पीठ को बताया कि दिल्ली पब्लिक स्कूल, ईस्ट आफ कैलाश में सीटें खाली हैं, इसके बावजूद उनकी मुवक्किल निक्षिता को दाखिला नहीं दिया जा रहा। उच्च न्यायालय ने डीपीएस को भी यह बताने के लिए कहा है कि उसके यहां नर्सरी कक्षा की कितनी सीटें खाली हैं।याचिका में सरकार द्वारा दाखिले के लिए 31 जनवरी कटऑफ तारीख घोषित किए जाने को भी चुनौती दी गई है। अधिवक्ता खगेश ने पीठ को बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में दाखिले के लिए कोई कटऑफ का प्रावधान नहीं है। इस पर दिल्ली सरकार की ओर से स्थायी अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी ने पीठ को बताया कि दाखिले के लिए जारी कटऑफ की तारीख तय करने के आदेश को चुनौती दी गई है।दूसरी तरफ त्रिपाठी और स्कूल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत मित्तल ने कहा कि यदि बच्चे को प्रोविजनल दाखिल मिल जाता है तो उन बच्चों का क्या होगा जो दाखिले के लिए आवदेन नहीं कर पाए। इसके बाद न्यायालय ने दिल्ली सरकार को दाखिले के लिए आवदेन मंगाने का आदेश दिया है।

कैसे खाली हैं 44 हजार सीटें : याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में सरकारी दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि दिल्ली में 2021 में 1 लाख 89 हजार बच्चे दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी कक्षा में पढ़ रहे थे। इस हिसाब से दिल्ली में 54 हजार सीटों पर ईडब्ल्यूएस, वंचित और दिव्यांग समूह के बच्चों का दाखिला होने चाहिए।खगेश झा ने बताया कि दिल्ली सरकार के हलफनामें के अनुसार 30 हजार दाखिले हुए। इस साल यानी 2021-22 की 54 हजार सीटों यानी कुल 77 हजार सीटों पर ईडब्ल्यूएस, वंचित और दिव्यांग समूह के बच्चों का दाखिला होना चाहिए। लेकिन सरकार ने सिर्फ इस साल 33 हजार सीटें घोषित की हैं। ऐसे में 44 हजार बाकी सीटों पर भी दाखिला होना चाहिए।



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