बोर्ड की परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला
दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी या नहीं, इसका फैसला उच्चतम न्यायालय करेगा। शीर्ष अदालत सोमवार को बोर्ड की प्रस्तावित ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग संबंधी याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए सहमत हो गई। याचिका में कहा गया है कि गत वर्ष की तरह इस बार भी वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से ही परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संबंधित याचिका को न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। याचिका में सीबीएसई, आईसीएसई और एनआईओएस समेत सभी राज्यों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन माध्यम से आयोजित कराने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई हैं, लिहाजा ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कराना उचित नहीं होगा।
ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करने से छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और वह अपने परिणाम को लेकर बेहद तनाव में आ सकते हैं।याचिकाकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय ने दावा किया है कि कई छात्र ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले से दुखी हैं। साथ ही कहा कि ऑफलाइन परीक्षा की बजाय वैकल्पिक यानी गत वर्ष की तरह छात्रों के पिछले शैक्षणिक परिणाम और आंतरिक मूल्यांकन पद्धति को ही अपनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिका में आंतरिक मूल्यांकन से असंतुष्ट छात्रों को अपने परिणाम में सुधार का एक और मौका दिए जाने का भी अनुरोध किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें