बदलाव: चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार, पहले डेढ़ वर्ष होगा छात्रों का समग्र विकास, जान सकेंगे देश की विरासत
आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक प्रोग्राम की पढ़ाई का फ्रेमवर्क पूरी तरह से बदलने जा रहा है। देश के सभी विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम शुरू हो रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम के लिए विषय व पाठ्यक्रम से लेकर क्रेडिट तक का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। इसे करिकुलर फ्रेमवर्क एंड क्रेडिट सिस्टम द फॉर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम नाम दिया गया है।
चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। खास बात यह है कि रोजगार से जोड़ने के लिए वोकेशनल और इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा छात्रों को भारत की समृद्ध विरासत, पर्यावरण, भाषा, पड़ोसी समेत दुनिया के देशों के हालात, मुद्दों से लेकर साइबर सिक्योरिटी आदि की पढ़ाई अनिवार्य रूप से करनी होगी। इसका मुख्य मकसद छात्रों को विषय के अलावा ओवर-ऑल विकास व ज्ञान से जोड़ना है। यूजीसी की उच्च स्तरीय समिति ने इस प्रकार से डिजाइन किया है, ताकि छात्र को विषय की पढ़ाई के अलावा 21वीं सदी की जरूरतों के आधार पर तैयार किया जा सके।
चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम को इस प्रकार से तीन हिस्सों में विभाजित किया है। इसमें पहले तीन सेमेस्टर सभी छात्रों को कॉमन और इंट्रोडक्टरी कोर्स की अनिवार्य पढ़ाई करनी होगी। इसमें साइंस, थियेटर, डांस, आर्ट, म्यूजिक, साहित्य, भाषा, पर्यावरण, मानवीय मूल्य, भारत को जानो, प्राकृतिक विज्ञान, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवन कौशल, नागरिक के रूप में देश व समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी, कर्तव्य, अहिंसा, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों को शामिल किया गया है। इसमें कॉमन कोर्स के 24 क्रेडिट तो इंट्रोडक्टरी कोर्स के 18 क्रेडिट होंगे। पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे में डिग्री और चौथे में ऑनर्स डिग्री व रिसर्च डिग्री मिलेगी। सात साल के भीतर एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी। हर साल छात्र को कम से कम 40 क्रेडिट लेने अनिवार्य होंगे। तीन साल की सामान्य डिग्री के लिए 120 क्रेडिट और चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम के लिए ऑनर्स व रिसर्च के साथ 160 क्रेडिट होने जरूरी होंगे। सातवें और आठवें सेमेस्टर में छात्र को ऑनर्स और रिसर्च का विकल्प मिलेगा।
चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर में एक मुख्य विषय
चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर में एक मुख्य विषय लेना होगा और दो छोटे यानी माइनर सब्जेक्ट का विकल्प मिलेगा। इसमें से माइनर सब्जेक्ट में से एक अनिवार्य वोकेशनल कोर्स होगा। मुख्य विषय 48 क्रेडिट तो माइनर सब्जेक्ट 16-16 क्रेडिट के होंगे। इसका मकसद डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई के साथ छात्रों को रोजगार से जोड़ना है। इसके अलावा एक अन्य माइनर सब्जेक्ट छात्र अपनी पसंद का चुन सकता है।
यूजी प्रोग्राम छात्रों के लिए फायदेमंद
चार वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राम छात्रों के लिए हर तरह से फायदेमंद होगा। जो छात्र रिसर्च एरिया में रुचि रखते हैं, वे बहु विषयक रिसर्च कर सकते हैं या फिर अंतिम वर्ष में एकल विषय के साथ डिग्री पूरी कर सकते हैं। चार वर्षीय यूजी डिग्री प्रोग्राम वाले छात्र सीधे पीएचडी के लिए पात्र होंगे। मुझे विश्वास है कि इससे देश में शोध की प्रवृति को बढ़ावा मिलेगा। -प्रो. एम जगदीश कुमार, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।
लर्निंग आउटकम में यह बिंदु होंगे खास
चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम के छात्रों को अब लर्निंग आउटकम पर भी ध्यान देना होगा। इसी के तहत पूरा फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। छात्र को दिक्कतों का समाधान करने का कौशल, क्रिएटिव थिंकिंग, कम्यूनिकेशन स्किल, लीडरशिप क्वालिटी, विभिन्न देशों, राज्यों के लोगों को जानना, मानवीय मूल्य, सिद्धांत समेत अन्य विषयों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। परीक्षा में भी छात्र का इन्हीं बिंदुओं पर आकलन किया जाना है।
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