इलाहाबाद विवि : बवाल के बाद अब इस आधार पर तय होगा कि परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी या ऑनलाइन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में ऑनलाइन परीक्षाओं को लेकर हुए बवाल के बाद अब बहुमत के आधार पर परीक्षाओं पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए इविवि के रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला की ओर से सूचना जारी की गई है कि जो छात्र ऑनलाइन मोड में परीक्षा चाहते हैं, वह अपना आवेदन 10 मार्च तक कुलानुशासक कार्यालय में जमा करें।
जारी सूचना में कहा गया है कि आवेदन में अपना विषय लिखने के साथ ऑनलाइन परीक्षा के कारणों को स्पष्ट करते हुए आईकार्ड की छायाप्रति भी संलग्न करें। छात्रों के आवेदनों को उच्च स्तरीय समिति को प्रेषित किया जाएगा।हालांकि कुछ दिनों पहले ही इस मसले पर उच्च स्तरीय समिति ने छात्र प्रतिनिधियों से वार्ता की थी और कुलपति को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। वहीं, रजिस्ट्रार की ओर से सूचना जारी किए जाने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय, श्याम प्रसाद मुखर्जी महाविद्यासलय समेत कई संघटक कॉलेजों के छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए अपने आवेदन सौंप दिए हैं।
निलंबन के साथ मांगा स्पष्टीकरण
इविवि प्रशासन ने जिन चार छात्र नेताओं को निलंबित किया है, उनसे स्पष्टीकरण भी तलब किया है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार की ओर से जारी निलंबन नोटिस में कहा गया है कि छात्र नेता अभिनव द्विवेदी और हरिओम त्रिपाठी ने तीन मार्च को डेढ़ सौ छात्रों के साथ विश्वविद्यालय मेन गेट बंद कर दिया, कक्षाओं में घुसकर अभद्रता और गाली गलौज की, बंधक बनाने की कोशिश की और तोड़फोड़ की।
साथ ही विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में चल रहे शिक्षक भर्ती के इंटरव्यू में बाधा पहुंचाने का प्रयास किया। वहीं, छात्र नेता आदर्श भदौरिया और अजय यादव सम्राट को नोटिस में कहा गया है कि दोनों ने ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए चल रहे आंदोलन की आड़ में विश्वविद्यालय में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई। चारों छात्र नेताओं को अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित होकर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
विश्वविद्यालय में दिन भर तनाव, तैनात रही फोर्स
ऑफलाइन परीक्षाओं के विरोध में जारी छात्रों के आंदोलन के कारण विश्वविद्यालय परिसर में बृहस्पतिवार को दिनभर तनाव की स्थिति बनी रही और परिसर में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात रही। आंदोलन के दौरान कई बार पुलिस एवं छात्र आमने-सामने आए और पुलिस को लाठियां पटककर छात्रों को खदेड़ना पड़ा।
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