प्रतियोगी छात्रों ने सीबीआई से मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट
प्रयागराज। लोकसेवा आयोग की सीबीआई जांच के पांच साल पूरे होने पर शिकायतकर्ता प्रतियोगी छात्र स्टेटस रिपोर्ट जानना चाहते हैं। पूछा है कि आखिर सीबीआई ने इस मामले में अब तक क्या किया। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की 2012 से 2017 के कार्यकाल की लगभग 600 भर्ती की जांच सीबीआई पिछले पांच सालों से चल रही है। जांच को गति देते हुए प्रयागराज के गोविंदपुर में जनवरी 2018 में सीबीआई ने कैम्प कार्यालय खोला। साथ ही तत्कालीन सीबीआई एसपी ने चौराहों पर जाकर छात्रों से शिकायतों के बारे में चर्चा की।
इसके बाद से छात्रों ने लगातार जांच एजेंसी को कैम्प कार्यालय, डाक, मेल और मुख्यालय तक भर्तियों के भ्रष्टाचार की शिकायत की। बहुत से सबूत सौंपे और सैकड़ो छात्रों के बयान भी दर्ज किए गए। इस विषय में लगभग 13 हजार शिकायतें सीबीआई को मिली। लोगों का मानना है कि यह व्यापम से भी बड़ा घोटाला है। लगभग 40 हजार पदों पर भर्ती घोटाला किया गया है। इस विषय में जानकारी देते हुए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशान्त पांडेय कहते हैं कि छात्रों ने अपनी जान जोखिम में डालकर भ्रष्टाचार में शामिल अपराधियों के विरुद्ध लिखित में सीबीआई को शिकायत की। आज वो छात्र हताश और निराश हैं।
उन्हें कम से कम सीबीआई श्वेतपत्र जारी करके जानकारी दे कि उनकी शिकायत पर अब तक क्या किया। समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय जो कि सीबीआई जांच तेज करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में भी गए हुए है, का मानना है कि सरकार की उपेक्षा और कुछ अपनों को बचाने के कारण यह जांच लटकाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि समिति ने इस जांच को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत सभी जिम्मेदार लोगों को दर्जनभर बार पत्र लिखा है। फिर भी न तो राज्य सरकार सहयोग कर रही है और न ही लोकसेवा आयोग। आयोग के कुछ कर्मचारियों के विरुद्ध सीबीआई नामजद मुकदमा दर्ज करने की अनुमति लगभग दो साल से मांग रही है लेकिन आज तक अनुमति नहीं दी जा रही। जिन पर अनुचित तरीके से चयन का आरोप लगा है उन्हें सरकार प्रमोशन दे रही है।
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