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गुरुवार, 12 मई 2022

प्रशिक्षित नर्से झेल रहीं बेरोजगारी का दंश



 प्रशिक्षित नर्से झेल रहीं बेरोजगारी का दंश

 लखनऊ : एक-दो नहीं, हजारों प्रशिक्षित नर्से ऐसी हैं, जो बेरोजगारी का दंश ङोल रही हैं या फिर मामूली वेतन पर नौकरी कर रही हैं। प्रदेश में एक लाख पांच हजार 263 से अधिक नर्से पंजीकृत हैं। सरकारी क्षेत्र के प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) में लगभग 10 हजार और चिकित्सा शिक्षा में तीन हजार नौकरियां हैं। इससे साफ है कि पंजीकृत हजारों नर्से बेरोजगार हैं, लेकिन शिक्षण संस्थानों से नर्सो का पासआउट होना जारी है।

हर साल प्रदेश के नर्सिग कालेजों से लगभग 19 हजार नर्से ट्रेंड होकर निकलती हैं। साल-दर-साल इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इस पेशे में 90 फीसद लड़कियां हैं। खास बात यह है कि तेजी से निजी नर्सिग कालेजों की संख्या बढ़ी है, जिससे बेरोजगार नर्सो की लंबी फौज खड़ी हो रही है। नर्सिग काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार वर्ष 2018 में सरकारी क्षेत्र में केवल आठ और निजी क्षेत्र में 272 नर्सिग कालेज थे, जिनमें अब 20 फीसद कालेज बढ़ चुके हैं, क्योंकि यह कोर्स कमाई का अच्छा माध्यम बन गया है। ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन के डा. अजय सिंह और आउटसोर्स नर्सेज संघ की अध्यक्ष साधना तथा महामंत्री मलखान कहते हैं कि नर्सो की कमी बताकर रोज निजी और सरकारी क्षेत्र में कालेज खुल रहे हैं, लेकिन रोजगार के नाम पर केवल शोषण हो रहा है।

संविदा सीएचओ के 28 सौ पदों के लिए 80 हजार से अधिक आवेदन : संविदा पर सीएचओ के 28 सौ पदों के लिए हाल ही में भर्ती निकली थी, जिनके लिए 80 हजार से अधिक आवेदन आए। इसी तरह संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में 475 नर्सो की जगह के लिए 50 हजार से अधिक आवेदन आए।

सरला तिवारी के पिता के पास रोजी-रोटी का सहारा चार बीघा खेत है। बेटी को किसी तरह तीन लाख लगाकर जीएनएम कोर्स कराया कि घर की हालत ठीक हो जाएगी, लेकिन सरला आउटसोर्स पर 15 हजार की नौकरी करने के लिए मजबूर हैं।

अनीता उपाध्याय के पति ने एक बीघा जमीन बेचकर उन्हें जीएनएम कोर्स कराया। उम्मीद थी कि इसके बाद जीवन का संघर्ष खत्म होगा, लेकिन ट्रेनिंग के दो साल बाद भी वह निजी नर्सिग होम में चार हजार की नौकरी करने के लिए मजबूर हैं।

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस आज

मानक के अनुसार चार लाख नर्से चाहिए प्रदेश में 

मानक के अनुसार प्रदेश में 500 की आबादी पर एक नर्स की तैनाती होनी चाहिए। इस तरह प्रदेश में चार लाख नर्सो की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन तैनाती न कर प्रशिक्षित नर्सो को शोषण के लिए छोड़ दिया गया है।

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